नयी दिल्ली, 19 दिसंबर वाणिज्य मंत्रालय को इस बार व्यापार आंकड़ों में 2011 में सामने आई गड़बड़ी की पुनरावृत्ति देखने को मिल सकती है। उस साल अप्रैल-नवंबर की अवधि के व्यापार आंकड़ों में लगभग नौ अरब डॉलर की विसंगति पाई गई थी।
इस बार, मुद्दा नवंबर, 2024 के लिए सोने के आयात के आंकड़ों की गणना में संदिग्ध त्रुटियों से जुड़ा है।
वर्ष 2011 में, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर में समस्याओं के कारण गलत वर्गीकरण और दोहरी गणना के कारण निर्यात आंकड़ों की अधिक रिपोर्टिंग हुई थी।
इस साल नवंबर में सोने के आयात में असामान्य वृद्धि को देखते हुए वाणिज्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बुधवार को कहा कि डीजीसीआईएस (वाणिज्यिक आसूचना और सांख्यिकी महानिदेशालय) ने सोने के आयात के आंकड़ों की विस्तृत जांच की है और सीबीआईसी (केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड) द्वारा प्राप्त आंकड़ों के साथ इनका मिलान किया जाएगा।
नवंबर में सोने के आयात में असामान्य वृद्धि के कारण देश का व्यापार घाटा रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है।
नवंबर में देश का सोने का आयात 14.86 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया, जो चार गुना वृद्धि है। इसका मुख्य कारण त्योहार और शादी-विवाह के सीजन की मांग है। सोने के आयात में उछाल से व्यापार घाटा (आयात और निर्यात के बीच का अंतर) नवंबर में रिकॉर्ड 37.84 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
इस मामले पर व्यापार विशेषज्ञों और सर्राफा कारोबारियों की राय मिली-जुली है। कुछ लोगों को डेटा संकलन में संभावित त्रुटि का संदेह है, जबकि अन्य का कहना है कि दोहरी गणना की संभावना ‘बहुत कम’ है।
उन्होंने कहा कि आयात आंकड़े में गिरावट हो, तो यह व्यापार घाटे को कम करता है।
रत्न एवं आभूषण उद्योग के एक अधिकारी ने कहा, “नवंबर में सोने के आयात के आंकड़े अलग दिख रहे हैं। यह इतना अधिक नहीं होना चाहिए।”
हालांकि, एक व्यापार विशेषज्ञ ने कहा कि इसकी संभावना ‘बहुत कम’ है कि ‘बिल ऑफ एंट्री डेटा’ की दोहरी गणना की गई हो।
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