जरुरी जानकारी | कोल इंडिया ने कोकिंग कोयले का उत्पादन 17 प्रतिशत बढ़ाया

नयी दिल्ली, 13 अप्रैल दुनिया की सबसे बड़ी कोयला खनन कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने बृहस्पतिवार को कोकिंग कोयले के उत्पादन में 17.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। इससे लोहा और इस्पात के उत्पादन के लिए जरूरी ईंधन के आयात को कम करने में मदद मिलेगी।

कोल इंडिया ने बयान में कहा कि कोकिंग कोयले का उत्पादन 2022-23 में सालाना आधार पर 17.2 प्रतिशत वृद्धि के साथ 5.46 करोड़ टन हो गया, जो पिछले वित्त वर्ष में 4.66 करोड़ टन रहा था।

बयान के अनुसार, “साल में सबसे बड़ी छलांग 80 लाख टन की थी।” कंपनी ने कहा कि उत्पादन लक्ष्य का 107.3 प्रतिशत था।

यह इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि कोयला मंत्रालय ने कंपनी को इस कोयले का उत्पादन बढ़ाकर 2030 तक 10.5 करोड़ टन करने के लिए कहा है, जिससे आयात और विदेशी मुद्रा के खर्च को कम किया जा सके।

सीआईएल की झारखंड में दो अनुषंगी- बीसीसीएल और सीसीएल कोकिंग कोयले की प्रमुख उत्पादक हैं और 2022-23 में इनका संयुक्त रूप से कुल उत्पादन 5.43 करोड़ टन रहा।

कंपनी ने बयान में कहा, “बीसीसीएल वित्त वर्ष 2021-22 में 2.9 करोड़ टन के मुकाबले 2022-23 में अकेले 3.37 करोड़ टन या लगभग 62 प्रतिशत उत्पादन किया, जबकि सीसीएल ने लगभग 20 प्रतिशत वृद्धि के साथ 2.06 करोड़ टन उत्पादन किया।”

इस्पात निर्माण में एक महत्वपूर्ण कच्चे माल कोकिंग कोयले का खनन के लिए भंडार भारत में दुर्लभ हैं। इस्पात बनाने में सीधे उपयोग के लिए इसकी गुणवत्ता की कमी के कारण धुलाई की जरूरत होती है। इसी कारण आयात करना पड़ता है।

वित्त वर्ष 2022-23 में कोकिंग कोयले का आयात 5.6 करोड़ टन रहा, जो वित्त वर्ष 2021-22 में 5.71 करोड़ टन से 11 लाख टन कम था।

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