नई दिल्ली: दिल्ली (Delhi) के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने बृहस्पतिवार को कहा कि कोरोना वायरस के गंभीर रोगियों के इलाज के लिए चिकित्सक अगले तीन से चार दिन में प्लाज्मा संवर्धन तकनीक (Plasma Technique) का चिकित्सीय परीक्षण (क्लीनिकल ट्रायल) करेंगे.
केजरीवाल ने कहा कि मार्च महीने के आखिरी सप्ताह और अप्रैल के पहले सप्ताह में अस्पतालों में भर्ती कराये गये कोरोना वायरस संक्रमित कई मरीजों की स्थिति अब सुधर रही है और इनमें से कई को जल्द अस्पतालों से छुट्टी दे दी जायेगी. बड़ी राहत: देश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार घटी, अब तक मिले 12 हजार 759 केस, 420 की मौत- 1514 हुए ठीक
मुख्यमंत्री ने ऑनलाइन ब्रीफिंग में कहा, ‘‘यदि यह परीक्षण सफल रहता है तो हम कोरोना वायरस के गंभीर रोगियों की जान बचा सकते है.’’
Delhi is starting plasma transfusion trials for treating Corona patients. We will take every measure possible to prevent loss of lives https://t.co/jYmRP5Gwx1
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) April 16, 2020
प्लाज्मा तकनीक में कोरोना वायरस के संक्रमण से उबर चुके व्यक्ति के रक्त की एंडीबॉडी का इस्तेमाल, कोविड-19 से गंभीर रूप से संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए किया जाता है.
इस प्रौद्योगिकी का उद्देश्य कोरोना वायरस के मरीजों में संक्रमण की वजह से होने वाली समस्याओं को सीमित करने के लिए ‘कॉनवेलेसेन्ट’ प्लाज्मा के प्रभाव का आकलन करना है. केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार को मंगलवार को केंद्र से प्लाज्मा तकनीक का परीक्षण करने की अनुमति मिल गयी है.
केरल और महाराष्ट्र जैसे कुछ अन्य राज्यों के भी इस तकनीक पर काम करने की ओर इशारा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमारे प्रयास सफल होंगे.’’ उन्होंने कहा, ‘‘सामूहिक प्रयासों से, हम दिल्ली में कोरोना वायरस से निपटने में समर्थ हो पायेंगे.’’
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में 15 लाख लोगों ने राशन कार्ड के लिए आवेदन दिये हैं और दिल्ली सरकार प्रतिदिन 10 लाख लोगों को भोजन उपलब्ध करा रही है.
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