तीन दिवसीय दौरे पर अमेरिका पहुंचे यी ने बृहस्पतिवार दोपहर को अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से मुलाकात की। इससे आशा जगी कि दोनों देशों के बीच संबंधों में स्थिरता आ सकती है।
उन्होंने बंद कमरे में बैठक करने से पहले कहा कि चीन ‘‘संबंधों को यथाशीघ्र बेहतर, स्थिर और सतत विकास के पथ पर वापस लाने के लिए’’ सर्वसम्मति बनाने और सहयोग प्राप्त करने की कोशिश करेगा।
अमेरिकी अधिकारियों ने बैठक से पहले कहा कि वे वांग यी के समक्ष इस बात पर जोर देंगे कि अगर चीन एक प्रमुख जिम्मेदार अंतरराष्ट्रीय पक्ष बनना चाहता है तो वह वैश्विक मंच पर अपनी भूमिका बढ़ाए।
अमेरिका यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस को समर्थन देने और इजराइल-हमास युद्ध को लेकर चुप्पी साधने के कारण चीन से निराश है।
विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा, “चीन को पश्चिम एशिया में शांति स्थापित करने के लिए एक प्रभावशाली शक्ति के रूप में अपनी क्षमता का उपयोग करना चाहिए।”
उन्होंने कहा, “हम जानते हैं कि चीन के इस क्षेत्र के कई देशों के साथ संबंध हैं, और हम उनसे आग्रह करेंगे कि वे उन संबंधों, संचार लाइनों का उपयोग शांति और स्थिरता के लिए करें।”
अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि ईरान के साथ चीनियों का काफी प्रभाव है, जो हमास का एक प्रमुख समर्थक है।
बैठक के बाद एक बयाम में विदेश विभाग ने कहा कि दोनों व्यक्तियों ने “मतभेद के क्षेत्रों” और “सहयोग के क्षेत्रों” पर चर्चा की, जबकि ब्लिंकन ने “दोहराया कि अमेरिका हमारे और हमारे सहयोगियों व साझेदारों के हितों और मूल्यों के लिए खड़ा रहेगा।”
चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा, “दोनों पक्षों ने रचनात्मक माहौल में चीन-अमेरिका संबंधों और आम चिंता के मुद्दों पर विचारों का गहन आदान-प्रदान किया।”
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