जयपुर, तीन जनवरी राजस्थान की भाजपा सरकार ने पिछली कांग्रेस सरकार द्वारा शुरू किए गए अंग्रेजी माध्यम के सरकारी स्कूलों की समीक्षा के लिए चार सदस्यीय एक मंत्रिस्तरीय समिति का गठन किया है।
कैबिनेट सचिवालय के आदेश के अनुसार, राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अनुमति के बाद इस समिति का गठन किया है।
इस समिति के अध्यक्ष उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा हैं और स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह, स्कूली शिक्षा मंत्री मदन दिलावर एवं खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा सदस्य हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में स्कूली शिक्षा मंत्री रहे गोविंद सिंह डोटासरा ने इस कदम की आलोचना करते हुए कहा है कि भाजपा सरकार नहीं चाहती कि गरीब-मध्यम वर्ग और अभावग्रस्त तबके के बच्चे अंग्रेजी शिक्षा हासिल करे।
डोटासरा ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘भाजपा नेताओं को तकलीफ इस बात से है कि कमजोर, शोषित और पीड़ितों के बच्चे अंग्रेजी शिक्षा हासिल करके कहीं इनकी बराबरी न कर लें।’’
उन्होंने कहा,‘‘ भाजपा सरकार नहीं चाहती कि गरीब-मध्यम वर्ग और अभावग्रस्त तबके के बच्चे अंग्रेजी शिक्षा हासिल करे, जबकि भाजपा नेताओं के बच्चे अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों और विदेशों में पढ़ते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार द्वारा गठित समीक्षा समिति राजनीतिक दुर्भावना एवं पूर्वाग्रह से प्रतीत होती है। चार सदस्यीय समिति में न तो कोई शिक्षाविद है और न ही कोई विशेषज्ञ, उसमें सिर्फ सरकार के मंत्री हैं। राज्य में जब से भाजपा की सरकार बनी है, शिक्षा मंत्री से लेकर इनके नेता अंग्रेजी माध्यम स्कूलों पर ताला लगाने की तरफदारी कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने शिक्षा में क्रांतिकारी निर्णय करते हुए हर वर्ग के बच्चों के लिए महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूल खोले। आज प्रदेश में 3700 से ज्यादा सरकारी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में हर वर्ग के लाखों बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। भाजपा सरकार ने समीक्षा के नाम अगर अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को लेकर कोई भी जनविरोधी फैसला किया तो कांग्रेस पार्टी पूरे प्रदेश में जन आंदोलन करेगी।’’
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