जयपुर, 21 अप्रैल राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार को 18 साल से अधिक आयु के युवाओं को भी कोरोना वायरस प्रतिरक्षण टीका नि:शुल्क लगाने की घोषणा करनी चाहिए। गहलोत के अनुसार नि:शुल्क टीकाकरण नहीं होने से युवाओं में केद्र सरकार के प्रति आक्रोश बढ़ेगा।
गहलोत ने ट्वीट किया, ‘‘कांग्रेस पार्टी और राज्यों की लगातार मांग पर केन्द्र सरकार ने 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के टीकाकरण का फैसला लिया है जिसका हम स्वागत करते हैं। केन्द्र सरकार को इन सभी के नि:शुल्क टीकाकरण की घोषणा करनी चाहिए क्योंकि ऐसा नहीं होने पर युवाओं में सरकार के प्रति आक्रोश बढ़ेगा।’’
मुख्यमंत्री के अनुसार, ‘‘राज्यों में सभी लोगों को एक ही मशीनरी (मेडिकल स्टाफ) टीका लगाएगी। यह उचित नहीं होगा कि युवाओं से पैसे लिए जाएं और बाकी को नि:शुल्क इंजेक्शल लगाया जाए। केन्द्र सरकार को 60 वर्ष, 45 वर्ष और अब 18 वर्ष अधिक आयुवर्ग के टीकाकरण के लिए एक ही नीति अपनानी चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि यह जानलेवा संक्रमण तेजी से फैल रहा है और इससे होने वाली मौत का दर भी अधिक है, ऐसे में केन्द्र सरकार को युवाओं पर टीके की कीमत का भार ना डालकर तेजी से सभी का नि:शुल्क टीकाकरण करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि निजी क्षेत्र को टीका लगाने की अनुमति देना स्वागतयोग्य कदम है, इससे सक्षम लोग टीका खरीद कर लगवा सकेंगे और सरकार पर भार भी कम होगा।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने सोमवार को कहा कि एक मई से 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोग कोरोना प्रतिरक्षण टीका लगवा सकेंगे। सरकार ने टीकाकरण अभियान में ढील देते हुए राज्यों, निजी अस्पतालों और औद्योगिक प्रतिष्ठानों को सीधे टीका निर्माताओं से खुराक खरीदने की अनुमति भी दे दी।
अगले महीने से शुरू हो रहे टीकाकरण अभियान के तीसरे चरण के तहत टीका निर्माता अपनी केंद्रीय औषधि प्रयोगशालाओं (सीडीएल) से हर महीने जारी खुराकों की 50 प्रतिशत आपूर्ति केंद्र सरकार को देंगे और बाकी 50 प्रतिशत आपूर्ति को वे राज्य सरकारों को तथा खुले बाजार में बेचने के लिए स्वतंत्र होंगे।
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