देश की खबरें | संगीत, फिल्म जगत समेत विभिन्न क्षेत्रों की हस्तियों ने उस्ताद जाकिर हुसैन के निधन पर शोक जताया

नयी दिल्ली, 16 दिसंबर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गिटार वादक जॉन मैकलॉघलिन, बांसुरी वादक हरिप्रसाद चौरसिया, सरोद वादक अमजद अली खान, संगीतकार ए आर रहमान और विभिन्न क्षेत्रों की तमाम हस्तियों ने प्रसिद्ध तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन के निधन पर शोक प्रकट कर उन्हें श्रद्धांजलि दी और उन्हें एक ऐसे व्यक्ति के रूप में याद किया, जिन्होंने भारतीय संगीत को वैश्विक मंच पर लोकप्रिय बनाया।

हुसैन का अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में एक अस्पताल में निधन हो गया। हुसैन की मृत्यु फेफड़े संबंधी समस्या ‘इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस’ से उत्पन्न जटिलताओं के कारण हुई। वह 73 वर्ष के थे।

प्रधानमंत्री मोदी ने जाकिर हुसैन के निधन पर शोक जताया और कहा कि उन्हें एक ऐसे सच्चे उस्ताद के रूप में याद किया जाएगा, जिन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत की दुनिया में क्रांति ला दी।

प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘महान तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन जी के निधन से गहरा दुख हुआ। उन्हें एक ऐसे सच्चे उस्ताद के रूप में याद किया जाएगा, जिन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत की दुनिया में क्रांति ला दी।’’

मोदी ने कहा कि वह तबला को वैश्विक मंच पर ले गए और अपनी अद्वितीय लय के साथ लाखों लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘इसके माध्यम से, उन्होंने वैश्विक संगीत के साथ भारतीय शास्त्रीय परंपराओं को मूल रूप से मिश्रित किया, जो एक प्रकार से सांस्कृतिक एकता का प्रतीक बन गया।’’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘उनकी प्रतिष्ठित प्रस्तुतियां और भावपूर्ण रचनाएं संगीतकारों और संगीत प्रेमियों की पीढ़ियों को समान रूप से प्रेरित करने में योगदान देंगी। उनके परिवार, दोस्तों और वैश्विक संगीत समुदाय के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना।’’

ग्रैमी पुरस्कार विजेता समूह ‘शक्ति’ में हुसैन के साथी मैकलॉघलिन ने इंस्टाग्राम पर तबला वादक के साथ प्रस्तुति देते हुए अपनी एक तस्वीर साझा की। उन्होंने लिखा,‘‘बादशाह, जिनके हाथों की लय जादू की तरह थी, हमें छोड़कर चले गए... मेरे प्यारे जाकिर की आत्मा को शांति मिले। हम फिर मिलेंगे।’’

चौरसिया ने हुसैन के साथ कई संगीत परियोजनाओं में काम किया जिनमें 1999 का लाइव एल्बम ‘‘रिमेंबरिंग शक्ति’’ भी शामिल है। वह अब भी संगीतकार की मौत पर विश्वास नहीं कर पा रहे हैं।

प्रख्यात बांसुरी बादक ने ‘पीटीआई-’ से कहा, ‘‘मैं अभी कुछ नहीं कहना चाहता, यह संभव है कि यह झूठी (खबर) हो। मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि यह झूठ हो। लेकिन अगर यह सच है तो इतनी कम उम्र में ऐसा कैसे हो सकता है, उन्होंने ऐसा क्या किया होगा कि उन्हें यह सब सहना पड़ा? मैंने उन्हें कभी कुछ गलत खाते या पीते नहीं देखा। वह सिर्फ अपने तबले, लय और सुर के लिए जीते थे।’’

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