नयी दिल्ली, 16 दिसंबर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने असम में अधिक लाभ का प्रलोभन देकर निवेशकों से धोखाधड़ी से जुड़े घोटाले के अलग-अलग मामलों में 18 आरोपियों के खिलाफ गुवाहाटी में पांच और आरोपपत्र दायर किए हैं। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
उनके मुताबिक, इस घोटाले में हजारों भोले-भाले निवेशकों को उनकी जमा राशि पर उच्च लाभ का लालच देकर ठगा गया था।
सीबीआई की गुवाहाटी इकाई ने 16 निजी व्यक्तियों और दो कंपनियों ‘यूपेपीथेट्स होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड’ (यूएचपीएल) और ब्रह्मपुत्र संचय एवं बिनियोग कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (बीएसबीसीएसएल) पर आरोप लगाए हैं।
‘यूपेपीथेट्स होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड’ के खिलाफ अपने आरोपपत्र में सीबीआई ने आरोप लगाया कि इसके निदेशक हेमेन रावा और प्रबंधक शंकर साहा एक अवैध जमा योजना को अंजाम देने में शामिल थे, जिसके तहत झूठ बोलकर निवेशकों से धन जुटाया गया।
सीबीआई के प्रवक्ता ने एक बयान ने कहा, “ उन्होंने निवेशकों को छह प्रतिशत और उससे अधिक के गारंटीकृत मासिक लाभ का वादा करके उन्हें लुभाने के लिए नोटरीकृत स्टाम्प पेपर सहित भ्रामक तरीकों का इस्तेमाल किया। उन्होंने निवेशकों को धोखा दिया और अपने निजी लाभ के लिए जमा राशि का दुरुपयोग किया।”
ब्रह्मपुत्र संचय और बिनीयोग सहकारी समिति लिमिटेड के खिलाफ आरोप पत्र में इसके तत्कालीन अध्यक्ष जितेन डेका और हिमांगशु तालुकदार, शाखा प्रबंधक इंद्राणी दास और सचिव संजीब डेका का भी नाम है।
सीबीआई ने चार निजी व्यक्तियों के खिलाफ तीसरा तथा दो व्यक्तियों के खिलाफ चौथा आरोपपत्र दायर किया। केंद्रीय एजेंसी ने तीन अन्य के खिलाफ पांचवां आरोपपत्र दायर किया है।
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