देश की खबरें | बंबई उच्च न्यायालय ने अनिल देशमुख को 12 नवंबर तक ईडी की हिरासत में भेजा

मुंबई, सात नवंबर बंबई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को न्यायिक हिरासत में भेजने का विशेष अदालत का आदेश रविवार को रद्द कर दिया और उन्हें धन शोधन के मामले में 12 नवंबर तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया।

ईडी ने अपनी अर्जी में कहा कि विशेष अदालत ने देशमुख को न्यायिक हिरासत में भेजकर एजेंसी को मामले की जांच करने का पर्याप्त और उचित अवसर नहीं दिया और इस मामले के ‘‘व्यापक तथा गंभीर असर’’ हैं। एजेंसी ने कहा कि वह देशमुख से केवल पांच दिन ही पूछताछ कर पायी, जिनमें से दो दिन अवकाश (दिवाली) थे।

उच्च न्यायालय ने देशमुख को ईडी की हिरासत में भेजते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया ईडी की यााचिका में विशेष अदालत के आदेश की वैधता को लेकर दम है।

न्यायमूर्ति माधव जामदार की अवकाशकालीन पीठ ईडी की अर्जी पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें देशमुख को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने के विशेष अदालत के छह नवंबर के आदेश को चुनौती दी गयी थी।

ईडी की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने अदालत को बताया कि अभी तक की गयी जांच के आधार पर मामले में करीब 100 करोड़ रुपये लिए जाने के आरोप पर विचार करते हुए हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि मामले में लेन-देन का पता लगाए जाने की आवश्यकता है और विदेशी पहलू के शामिल होने की आशंका को इस स्तर पर खारिज नहीं किया जा सकता।

देशमुख के वकील विक्रम चौधरी और अनिकेत निकम ने अदालत को बताया कि वे याचिका के तथ्यों और इसके गुण-दोष के आधार पर उसका विरोध कर रहे हैं। वकीलों ने कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता ईडी की पूछताछ में सहयोग कर रहे हैं।

ईडी ने अपनी याचिका में देशमुख की नौ दिनों की हिरासत मांगी, लेकिन उनके वकील चौधरी ने अदालत को बताया कि वे केवल चार दिन की हिरासत पर ही राजी हुए।

न्यायमूर्ति जामदार ने कहा कि चूंकि देशमुख के वकील ईडी की हिरासत के लिए राजी हो गए हैं, तो वह विशेष अदालत के आदेश की वैधता के पहलू पर विस्तार में नहीं जा रहे हैं। इसके बाद अदालत ने देशमुख को 12 नवंबर तक ईडी की हिरासत में भेज दिया।

ईडी ने कहा कि मामले के सभी पहलुओं की जांच करने के लिए जांच एजेंसी को पर्याप्त अवसर दिए जाने की आवश्यकता है ताकि वह पर्याप्त सबूत एकत्रित कर सकें, जिससे मामले की तह तक जाने में मदद मिलेगी।

ईडी ने कहा कि वह अब देशमुख का सामना निलंबित पुलिसकर्मी सचिन वाजे और अन्य से कराना चाहती है, जिनमें राकांपा नेता के परिवार के सदस्य जैसे कि उनके बेटे ऋषिकेश देशमुख ओर सलिल देशमुख और उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट शामिल हैं।

ईडी ने करोड़ों रुपये के धन शोधन मामले में 12 घंटे तक चली पूछताछ के बाद एक नवंबर को देशमुख को गिरफ्तार कर लिया था। उन्हें दो नवंबर को अदालत में पेश किया गया, जहां उन्हें छह नवंबर तक ईडी की रिमांड पर भेज दिया गया था। जब उन्हें शनिवार को विशेष अदालत के समक्ष पेश किया गया था तो ईडी ने हिरासत अवधि बढ़ाए जाने का अनुरोध किया, लेकिन अदालत ने इससे इनकार कर दिया और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

ईडी ने पहले विशेष अदालत को बताया था कि देशमुख को इस अपराध के ‘‘मुख्य लाभकर्ता’’ हैं और धन शोधन के अपराध में प्रत्यक्ष तौर पर शामिल हैं।

ईडी ने भ्रष्टाचार और आधिकारिक पद के दुरुपयोग के आरोपों पर 21 अप्रैल को राकांपा नेता के खिलाफ सीबीआई द्वारा दर्ज की गयी प्राथमिकी के बाद देशमुख और उनके साथियों के खिलाफ जांच शुरू की थी। ईडी ने पहले देशमुख के निजी सचिव के तौर पर काम कर रहे अतिरिक्त जिलाधीश पद के अधिकारी संजीव पलांदे और देशमुख के निजी सहायक कुंदन शिंदे को गिरफ्तार किया था।

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