पुलिस के अनुसार लेखपाल मनीष कश्यप की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई और रविवार को 18 दिन बाद उनका सड़ा-गला शव बरेली कैंट इलाके के बभिया गांव के पास नाले के किनारे से बरामद हुआ। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
बरेली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अनुराग आर्य ने बताया कि पुलिस ने एक आरोपी की निशानदेही पर लेखपाल का शव बरामद किया तथा मामले में अन्य संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है और पुलिस जल्द ही आरोपियों के खिलाफ विस्तृत कार्रवाई करेगी।
पुलिस के अनुसार, मनीष कश्यप फरीदपुर तहसील में लेखपाल थे और 27 नवंबर को ड्यूटी पर जाने के बाद घर वापस नहीं लौटे तथा काफी खोजबीन के बाद भी उनका कोई सुराग नहीं मिला।
पुलिस ने बताया कि लेखपाल की मां मोरकली ने खल्लपुर गांव की एक जनप्रतिनिधि और उसके सहयोगियों पर अपहरण का आरोप लगाते हुए तहरीर दी थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए परिवार ने जिलाधिकारी कार्यालय में भी शिकायत की।
बाद में बरेली जोन के अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) रमित शर्मा के आदेश पर फरीदपुर में मुकदमा दर्ज किया गया था। एडीजी ने पुलिस अधीक्षक (अपराध) मुकेश कुमार के नेतृत्व में एसओजी समेत पुलिस टीम को लेखपाल की तलाश में लगाया था।
इसके बाद एसएसपी अनुराग आर्य ने फरीदपुर पुलिस, एसओजी, सर्विलांस और अन्य टीमों को उनकी तलाश में लगाया।
कश्यप उस जमीन की पैमाइश कर रहे थे, तभी आरोपियों को उन पर विरोधी पक्ष का पक्ष लेने का संदेह हुआ।
सत्ताइस नवंबर को आरोपी ने मनीष को तहसील बुलाया और अपनी कार में बैठाकर गला दबाकर उनकी हत्या कर दी। इसके बाद शव को बभिया गांव के पास नाले के किनारे फेंक दिया और फरार हो गया।
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