बेंगलुरु, 18 जुलाई : कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम लिमिटेड में कथित घोटाले को लेकर मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के इस्तीफे की मांग के साथ बृहस्पतिवार को यहां विधान सौध का घेराव करने का प्रयास करते भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष बी. वाई. विजयेंद्र समेत पार्टी के कई नेताओं को हिरासत में ले लिया गया. हाथों में तख्तियां, बैनर और पोस्टर लिए भाजपा विधायकों और कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस सरकार के खिलाफ नारे लगाए और बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाया. पार्टी नेताओं ने आरोप लगाया कि घोटाला सामने आने के बाद कांग्रेस का "दलित विरोधी और आदिवासी विरोधी चेहरा" उजागर हो गया है.
विजयेंद्र ने पत्रकारों से कहा, "मुख्यमंत्री ने पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार खो दिया है. जब तक वह इस्तीफा नहीं देते, हमारा विरोध जारी रहेगा." उन्हें विधान सौध के निकट एहतियातन हिरासत में लिया गया. विधान सौध राज्य विधानमंडल और सचिवालय का मुख्यालय है, जहां मानसून सत्र जारी है. कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम लिमिटेड से जुड़ा कथित अवैध धन हस्तांतरण घोटाला 26 मई को लेखा अधीक्षक चंद्रशेखर पी. के आत्महत्या करने व एक नोट छोड़ने के बाद सामने आया था. यह भी पढ़ें : साइबर सुरक्षा क्षेत्र के उद्यमियों ने बजट में डिजिटल सुरक्षा पर जोर देने की मांग की
सुसाइड नोट में निगम के बैंक खाते से 187 करोड़ रुपये के अनधिकृत हस्तांतरण का खुलासा हुआ था. साथ ही इसमें कहा गया था कि इसमें से 88.62 करोड़ रुपये अवैध रूप से ‘नामी’ आईटी कंपनियों, हैदराबाद में स्थित सहकारी बैंक व अन्य से कथित तौर पर जुड़े विभिन्न खातों में डाले गए थे.
अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री बी. नागेन्द्र ने घोटाले के संबंध में अपने खिलाफ आरोप लगने के बाद छह जून को इस्तीफा दे दिया था.
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के केंद्रीय जांच ब्यूरो के समक्ष शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद जांच कर रही ईडी ने इससे पहले नागेंद्र और वाल्मीकि निगम के अध्यक्ष व रायचूर ग्रामीण से कांग्रेस के विधायक बसनगौड़ा डड्डल के परिसरों पर छापे मारे थे.