कोलकाता, 17 सितंबर पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने मंगलवार को कहा राज्य सरकार का महिला विरोधी चरित्र उजागर हो चुका है।
अधिकारी ने यह टिप्पणी राज्य सरकार द्वारा हाल ही में जारी किए गए एक परिपत्र के संदर्भ में की, जिसमें महिला चिकित्सकों के लिए रात्रि ड्यूटी से बचने और उनके कार्य घंटों को एक बार में 12 घंटे तक सीमित करने निर्देश दिया गया है।
अधिकारी की यह टिप्पणी मंगलवार को उच्चतम न्यायालय द्वारा पश्चिम बंगाल सरकार के '‘रात्रिर साथी’ 'कार्यक्रम पर आपत्ति जताए जाने के कुछ ही देर बाद आई है।
न्यायालय ने कोलकाता के सरकारी आरजी कर अस्पताल में एक महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले की सुनवाई के दौरान यह आपत्ति जताई थी।
न्यायालय की आपत्ति के बाद राज्य सरकार ने पीठ से कहा कि वह महिला चिकित्सकों के लिए जारी अधिसूचना वापस लेगी।
अधिकारी ने कहा कि यह कार्यक्रम एक भेदभावपूर्ण कदम है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता ने कहा, "राज्य पुरुषों और महिलाओं के बीच कैसे भेद कर सकता है? यह सरकार महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने में विफल रही है और इन कार्रवाइयों से यह साबित हो रहा है कि उसका नजरिया महिला विरोधी है।"
अधिकारी ने यह भी कहा कि आरजी कर अस्पताल में हुई घटना के सिलसिले में कुछ पुलिस अधिकारियों की गिरफ्तारी से बंगाल की महिलाओं की चिंताओं का समाधान नहीं हो पाएगा, क्योंकि मुख्य आरोपी अभी भी बचे हुए हैं, लेकिन वे जल्द ही जांच एजेंसियों की जांच के दायरे में आ जाएंगे।
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