बीजिंग, सात मई कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत कहां से हुई, इस सवाल को लेकर कठघरे में खड़े वुहान लैब के बारे में चीन ने बृस्पतिवार को कहा कि वह चीन-फ्रांस का संयुक्त उद्यम है और उसके कर्मचारियों को प्रशिक्षण फ्रांस में ही मिला है। हालांकि उसने कोविड-19 की शुरुआत को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन की जांच पर हामी भरने पर खुलकर कुछ नहीं कहा।
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ पर इस महामारी की शुरुआत वुहान वायरस-लैब से होने का झूठ गढ़ने का आरोप लगाते हुए चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने लैब का संबंध फ्रांस के साथ होने की बात कहकर वहां से ध्यान भटकाना चाहा।
पाम्पिओ के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए हुआ ने कहा, ‘‘उन्हें संभवत: अभी तक नहीं पता है कि पी4 वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (डब्ल्यूआईवी) लैब चीन-फ्रांस सरकार की संयुक्त परियोजना है और उसने अपने डिजाइन, निर्माण और प्रबंधन में अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन किया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कर्मचारियों के पहले समूह का प्रशिक्षण फ्रांस के लैब में ही हुआ था।’’ साथ ही उन्होंने कहा कि लैब के उपकरणों की जांच हर साल मान्यता प्राप्त संस्थाओं से करायी जाती है।
गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और विदेश मंत्री पोम्पिओ ने दावा किया है कि यह जानलेवा वायरस वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से निकला और वहीं से इसकी शुरुआत हुई।
हुआ ने फिर से पोम्पिओ से कहा कि वह, यह साबित करने के लिए उनके पास उपलब्ध ‘‘ठोस साक्ष्य’’ सामने रखें कि कोरोना वायरस वुहान के लैब से निकला है । उन्होंने कहा, ‘‘वह खुद अपनी बात को काट रहे हैं। वह एक झूठ छुपाने के लिए और झूठ बोल रहे हैं। यह सब जानते हैं।’’
राष्ट्रपति ट्रंप के इस बयान पर कि, कोविड-19 हमला दूसरे विश्वयुद्ध के वक्त हुए पर्ल हार्बर और एक सितंबर, 2001 को हुए आतंकवादी हमले से भी बड़ा है, हुआ ने कहा कि यदि ऐसा है तो इसमें दुश्मन कोरोना वायरस है चीन नहीं।
उन्होंने कहा, ‘‘यदि इसकी तुलना पर्ल हार्बर और 9/11 हमले से की जा रही है तो, अमेरिका जिस दुश्मन का सामना कर रहा है, वह कोरोना वायरस है। अमेरिका को चीन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर इस दुश्मन से लड़ना चाहिए क्योंकि, सिर्फ एकजुटता से किया गया प्रयास ही इस वायरस से बचाव है।’’
हुआ ने कहा, ‘‘लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि, हम कुछ अमेरिकी अधिकारियों को दोषारोपण करते देख रहे हैं, और हमारा मानना है कि यह गलत है।’’
उन्होंने कहा कि चीन ने जहां इस वायरस पर दो महीने में काबू पा लिया, वहीं अत्यधिक विकसित देश होने के बावजूद अमेरिका ऐसा करने में अभी तक सफल नहीं हुआ है।
मध्य चीन स्थित वुहान शहर में दिसंबर में सामने आए , कोविड-19 के पहले मामले के बाद से अभी तक 12 लाख अमेरिकी नागरिक इससे संक्रमित हुए हैं और 73 हजार से ज्यादा अमेरिकियों की मौत हुई है।
हालांकि हुआ ने कोरोना वायरस की शुरुआत के संबंध में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की जांच को लेकर कुछ साफ-साफ नहीं कहा।
जिनेवा स्थित संयुक्त राष्ट्र की संस्थाओं में चीन के राजदूत चेन शु ने डब्ल्यूएचओ की जांच का समर्थन किया है, ऐसी खबरों के संबंध में सवाल करने पर हुआ ने कहा, ‘‘हमने कभी नहीं कहा कि हम डब्ल्यूएचओ का विरोध करते हैं। हम डब्ल्यूएचओ के काम का समर्थन कर रहे हैं। हम, शुरुआत का पता लगाने सहित डब्ल्यूएचओ के साथ बिल्कुल पारदर्शी तरीके से सहयोग कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सही समय पर हम इस पर निष्कर्ष देंगे। लेकिन हम मामले का राजनीतिकरण करने और दोषी मानकर जांच करने की कोशिश कर रहे अमेरिका और कुछ अन्य देशों के आरोपों का विरोध करते हैं।’’
हुआ ने फिर से कहा कि कोरोना वायरस की शुरुआत कहां से हुई, यह विज्ञान से जुड़ा मुद्दा है और इसे वैज्ञानिक और पेशेवर लोग तय करेंगे।
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