नयी दिल्ली, 22 नवंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को समाचार पोर्टल ‘द वायर’ को निर्देश दिया कि मुख्य सचिव नरेश कुमार पर बामनोली भूमि अधिग्रहण मामले में लांछन लगाने वाले कथित अपमानजनक लेख को हटाया जाए।
न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने एक अंतरिम आदेश में मुख्य सचिव के पक्ष में व्यवस्था दी और समाचार पोर्टल तथा इसके संबंधित संवाददाता को आलेख और अपमानजनक सोशल मीडिया पोस्ट हटाने को भी कहा।
विस्तृत आदेश की प्रतीक्षा है।
उच्च न्यायालय ने मानहानि के मामले में अंतरिम राहत की मांग वाली अधिकारी की याचिका पर मंगलवार को अपना आदेश सुरक्षित रखा था।
समाचार आलेख के संबंध में नौ नवंबर को मानहानि का मुकदमा दायर किया गया था। आलेख में मुख्य सचिव के बेटे के तार कथित रूप से लाभार्थी परिवार से जुड़े होने की बात कही गई।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने द्वारका एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए 2018 में 19 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया था।
कुमार ने अपनी याचिका में लेख को हटाये जाने और समाचार पोर्टल तथा संवाददाता को उनके खिलाफ अन्य कोई मानिहानिकारक लेख प्रकाशित करने से रोकने का अनुरोध किया।
उनके वकील ने कहा था कि कुमार के खिलाफ लोगों को ‘सक्रिय’ करने के लिए और ‘कुछ लोगों को खुश करने के लिए’ यह लेख सुनियोजित तरीके से लिखा गया था।
समाचार पोर्टल के वकील ने कहा था कि लेख का मकसद किसी भी तरह कुमार का अपमान करना नहीं था और इसमें केवल कुछ सवाल उठाए गए थे।
मुख्य सचिव ने पोर्टल और संवाददाता को 13 नवंबर को कानूनी नोटिस भी भेजा था और दावा किया कि लेख की विषयवस्तु पूर्व दृष्टया भ्रामक और असल में मानहानि करने वाली है।
खबरों के अनुसार, मई में जमीन का मूल्य 41.52 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 353.79 करोड़ रुपये कर दिया गया और केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मुआवजा बढ़ाने की मंजूरी देने के लिए दक्षिण पश्चिम दिल्ली के जिलाधिकारी हेमंत कुमार के खिलाफ कार्रवाई की थी।
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