(फाइल फोटो के साथ)
चेन्नई, 18 मार्च अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) के अंतरिम प्रमुख ई. के. पलानीस्वामी (ईपीएस) ने शनिवार को पार्टी के महासचिव पद के चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया। वहीं, प्रतिद्वंद्वी नेता ओ पन्नीरसेल्वम (ओपीएस) ने ईपीएस खेमे की आलोचना करते हुए उस पर चुनाव कराने में पार्टी प्रक्रिया का पालन नहीं करने का आरोप लगाया।
समर्थकों के बीच ईपीएस के नाम से लोकप्रिय पलानीस्वामी ने पार्टी मुख्यालय में अपना नामांकन दाखिल किया। यह घटनाक्रम उच्चतम न्यायालय द्वारा पलानीस्वामी को पार्टी का अंतरिम सचिव बने रहने की अनुमति देने के लगभग एक महीने बाद सामने आया है।
वहीं ओपीएस खेमे ने चुनाव प्रक्रिया की आलोचना की और पार्टी के वरिष्ठ नेता पी. एस. रामचंद्रन ने कहा कि वे इस मुद्दे पर अदालत का रुख करेंगे। दूसरी ओर पन्नीरसेल्वम ने संकेत दिया कि वह इस मामले पर लोगों से मिलेंगे। उन्होंने कहा कि अगले कदम के तहत अप्रैल की शुरुआत में तिरुचिरापल्ली में एक बड़ा सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।
पलानीस्वामी के नामांकन दाखिल करने के कुछ घंटे के भीतर ही पन्नीरसेल्वम ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया और आरोप लगाया कि चुनाव प्रक्रिया पार्टी कानूनों के अनुरूप नहीं है।
उन्होंने कहा कि संगठनात्मक चुनाव पांच साल में एक बार होते हैं और शीर्ष पद का चयन प्राथमिक सदस्यों द्वारा किया जाता है। उन्होंने कहा कि केवल निर्वाचित महासचिव ही बाद में संगठनात्मक चुनाव करा सकते हैं और पदाधिकारियों की नियुक्ति कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि साथ ही इस अवधि के दौरान नये सदस्यों को शामिल करने और मौजूदा सदस्यों की सदस्यता को नवीनीकृत करने के लिए सदस्यता फॉर्म देना होता है, जिसके बाद दोनों के लिए पहचानपत्र देना होता है।
उन्होंने कहा, ‘‘इन प्रक्रियाओं के पूरा होने के बाद ही शीर्ष पद का चुनाव होगा। कोई उचित प्रक्रिया नहीं है और वे महासचिव पद के लिए चुनाव को इस तरह से कराना चाहते हैं जैसे एक जेबकतरा (किसी का पर्स निकाल लेता है), क्या यह स्वीकार्य है।’’
इससे पहले पलानीस्वामी के नेतृत्व वाले अन्नाद्रमुक ने पार्टी के महासचिव पद के लिए चुनाव के वास्ते कार्यक्रम घोषित किया। उसने पद के लिए चुनाव 26 मार्च को कराने की घोषणा की।
पलानीस्वामी का चुनाव सर्वसम्मति से होने की उम्मीद है क्योंकि लगभग पूरी पार्टी पलानीस्वामी के समर्थन में है।
अमित पवनेश
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