डोनाल्ड ट्रंप के अभियान से चुराई गई जानकारी को बाइडन के अभियान से जोड़ने की नाकाम कोशिश हुई: एफबीआई

अधिकारियों ने कहा कि इस बात का कोई साक्ष्य नहीं है कि मेल पाने वाले किसी भी व्यक्ति ने जवाब दिया, जिससे हैक की गई जानकारी को चुनाव के अंतिम महीनों में फैलने से रोका जा सका. हैकरों ने जून के अंत और जुलाई की शुरुआत में बाइडन के अभियान से जुड़े लोगों को ईमेल भेजे थे, लेकिन उसके कुछ ही समय बाद बाइडन ने राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ से अपना नाम वापस ले लिया. अमेरिकी सरकार के एक बयान के अनुसार, ईमेल में ‘‘पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के अभियान से चुराई गई, गैर-सार्वजनिक सामग्री से लिया गया एक अंश शामिल था.’’

इससे पहले भी एफबीआई और अन्य संघीय एजेंसियां ईरान पर ‘‘हैक और लीक’’ का सहारा लेकर 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप करने का आरोप लगा चुकी हैं. एफबीआई, राष्ट्रीय खुफिया एवं साइबर सुरक्षा तथा अवसंरचना सुरक्षा एजेंसी कार्यालय ने कहा है कि ट्रंप के अभियान की जानकारी हैक करना और बाइडन-हैरिस के अभियान में सेंध लगाने का प्रयास चुनाव में मतदाताओं के विश्वास को कम करने तथा विवाद भड़काने के प्रयास का हिस्सा है. यह भी पढ़ें : Mallikarjun Kharge on CM Nitish Kumar: नवादा की घटना बिहार में ‘डबल इंजन सरकार’ के जंगलराज का एक और प्रमाण- मल्लिकार्जुन खरगे

ट्रंप के प्रचार अभियान दल ने 10 अगस्त को खुलासा किया था कि उसके अभियान की जानकारी को हैक कर लिया गया है. उसने कहा कि ईरानी हैकरों ने संवेदनशील गुप्त दस्तावेज चुरा लिए हैं तथा उन्हें वितरित किया है. कम से कम तीन समाचार संस्थानों - ‘पोलिटिको’, ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ और ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ को ट्रंप अभियान की अंदरूनी गोपनीय सामग्री लीक की गई थी. हालांकि अब तक किसी ने इस बारे में कोई विवरण नहीं दिया है.