जयपुर, 23 जनवरी : राजस्थान में सरकारी भर्ती परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक मामले में 2014 से अबतक 33 प्राथमिकी दर्ज की गई है और इस संबंध में कुल 615 आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं. सरकार की ओर से मंगलवार को विधानसभा में एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी गई. चिकित्सा व स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह ने सदन में कहा कि राज्य में एक जनवरी 2014 से आज तक प्रश्नपत्र लीक के दर्ज कुल 33 प्रकरणों में 615 व्यक्तियों की गिरफ्तारी हुई है व 32 प्रकरणों में चालान(आरोप पत्र) पेश किया जा चुका है जबकि एक प्रकरण में जांच जारी है. मंत्री ने कहा कि 2021 में प्रश्नपत्र लीक के पांच बड़े मामले सामने आए, 2022 में दस व 2023 में पांच ऐसे मामले सामने आए. जब से मौजूदा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार आई है तब से दो परीक्षाएं हुईं जिनमें कोई दिक्कत नहीं आई.
उन्होंने कहा कि राज्य में विभिन्न परीक्षाओं में प्रश्नपत्र लीक से संबंधित घटनाओं मे उत्तरोत्तर वृद्धि को देखते हुए प्रश्नपत्र लीक की रोकथाम एवं इसके सम्बन्ध में दर्ज मामलों में त्वरित जांच एवं दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई किए जाने के लिए राज्य सरकार ने 15 दिसंबर 2023 को एसआईटी गठित करने का आदेश जारी किया. इसके अगले ही दिन अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक वी.के. सिंह के नेतृत्व में विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया गया है. उन्होंने बताया कि एसआईटी द्वारा वर्तमान में राजस्थान पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा 2021, सीएचओ भर्ती परीक्षा 2020, वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा 2022, वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा 2022, रीट भर्ती परीक्षा 2021, कनिष्ठ अभियंता (डिग्री) भर्ती परीक्षा 2020, उच्च न्यायालय लिपिक भर्ती परीक्षा 2020 की जांच की जा रही है. यह भी पढ़ें : केंद्रीय गृह मंत्री के ‘निर्देश’ पर छात्रों से बातचीत करने से ‘रोका’ गया : राहुल का आरोप
प्रश्नकाल में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के विधायक हनुमान बेनीवाल ने इस बारे में सवाल उठाया था. उन्होंने पूछा कि क्या सरकार इन प्रकरणों की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से करवाने की मंशा रखती है? मंत्री ने कहा कि एसआईटी का गठन हुए महीना भर ही हुआ है और जांच चल रही है. एसआईटी व स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) की जांच की रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. बेनीवाल इससे संतुष्ट नहीं हुए और बोलते रहे. वहीं प्रश्नपत्र लीक प्रकरण व उनसे जुड़ी जांच के मुद्दे पर सत्ता पक्ष व विपक्ष के सदस्य आमने सामने आ गए. विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने नाराजगी दिखाते हुए कहा कि वह सदन को 'अनियंत्रित' नहीं होने देंगे. सदन में शोर शराबे के बीच उन्होंने आगामी प्रश्न के लिए आवाज लगा दी.