नई दिल्ली: नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बृहस्पतिवार को कहा कि आज शाम पांच बजे तक कुल 367 घरेलू उड़ानों का परिचालन हुआ.इनमें कुल 30,136 यात्रियों ने यात्रा की. इसी के साथ पश्चिम बंगाल में भी दो महीने बाद हवाईअड्डे आज से फिर खुल गए. इससे पहले पुरी ने दिन में कहा था कि बुधवार को कुल 460 घरेलू उड़ानों ने 34,336 यात्रियों को उनके गंतव्यों तक पहुंचाया. पुरी ने ट्वीट किया, ‘‘ 28 मई 2020 को शाम पांच बजे तक 30,136 यात्रियों के साथ 367 उड़ानें भरी गयीं. जबकि 25,530 यात्रियों के साथ 310 उड़ानों ने अपने गंतव्य पर लैंड किया.
उन्होंने कहा कि इस प्रकार देश के हवाईअड्डों पर विमानन सेवाएं दोबारा शुरू होने के चौथे दिन शाम पांच बजे तक कुल 677 उड़ानों का परिचालन और 55,666 यात्रियों का आवागमन हुआ.हालांकि यात्रियों की कुल संख्या 30,136 रही. कोविड-19 लॉकडाउन में दो महीने तक बंद रहने के बाद देशभर में घरेलू विमानन सेवाएं सोमवार से फिर चालू हूईं. हालांकि पुरी ने रविवार रात को ही बता दिया था कि पश्चिम बंगाल में हवाईअड्डे बृहस्पतिवार से खुलेंगे. यह भी पढ़े: घरेलू विमानों से आये 2827 लोग, ज्यादातर लोग घरों में पृथक-वास में भेजे गये
सोमवार को 428 और मंगलवार को 445 घरेलू उड़ानों का परिचालन हुआ। इन दोनों दिन कुल62,641 यात्रियों ने यात्रा की. नियामक नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के आंकड़ों के मुताबिक इस साल लॉकडाउन की घोषणा से पहले फरवरी में घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या करीब 4.12 लाख प्रतिदिन थी।लॉकडाउन से पहले भारतीय हवाईअड्डे प्रतिदिन औसतन 3,000 घरेलू उड़ानों का परिचालन करते थे।पुरी ने दिन में ट्वीट कर कहा था, ‘‘ भारत ऊंची उड़ान भर रहा है। 27 मई 2020 को रात 11 बजकर 59 मिनट तक 460 घरेलू उड़ानों ने 34,336 यात्रियों के साथ उड़ान भरी। जबकि इस समय तक464 उड़ानों ने 33,525 यात्रियों के साथ लैंडिंग की.
’’यदि कोई विमान रात बारह बजे से पहले उड़ान भरता है और उसकी लैंडिंग 12 बजे के बाद होती है तो उसके उड़ान भरने को पिछले दिन में जबकि लैंड करने को अगले दिन में गिना जाता है. बृहस्पतिवार को देश में सबसे व्यस्त हवाईअड्डा दिल्ली का रहा. यहां से 147 उड़ानों का प्रस्थान और 145 का आगमन हुआ. अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का परिचालन देश में 25 मार्च से निलंबित है।पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना और तमिलनाडु ने राज्य में सीमित उड़ानों की ही मंजूरी दी है क्योंकि वह कोविड-19 के संक्रमण को और भीषण नहीं बनाना चाहते हैं.
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