नई दिल्ली: दुनियाभर में कोरोना (Coronavirus) को फैले करीब डेढ़ साल हो चुके हैं, लेकिन कोरोना के ऑरिजन को लेकर अभी तक स्पष्ट रूप से जानकारी नहीं मिल पाई है. कई लोगों का मानना है कि इस वायरस का उत्पत्ति स्थल चीन (China) ही था. दुनिया चीन को जिम्मेदार मानती है, लेकिन चीन इससे इनकार करता है. इस बीच एक अमेरिकी ख़ुफ़िया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दुनियाभर में कोरोना वायरस के फैलने से करीब एक महीने पहले चीन की इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (Wuhan Institute of Virology) के कई रिसर्चर्स नवंबर 2019 में बीमार पड़ गए थे. Wuhan Coronavirus: क्या चीनी सांप है इस घातक वायरस की वजह?
बता दें कि उन रिसर्चर्स को अस्पताल ले जाना पड़ा था. उनमें कोरोना वायरस जैसे ही लक्षण थे. अमेरिका की इस रिपोर्ट में वुहान लैब के बीमार रिसर्चर्स की संख्या, समय और अस्पताल जाने से जुड़ी विस्तृत जानकारियां दी गई हैं. अमेरिका की ओर से ये खुफिया रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) एक बैठक करने जा रहा है, जिसमें कोरोना वायरस की उत्पत्ति के बारे में अगले चरण की जांच पर चर्चा का अनुमान है.
जनवरी में ट्रंप प्रशासन द्वारा जारी विदेश मंत्रालय की एक फैक्ट शीट में कहा गया कि रिसर्चर्स 2019 की शरद ऋतु में बीमार पड़े. लेकिन इसमें ये नहीं कहा गया कि उन्हें भर्ती भी करना पड़ा. डब्ल्यूएचओ की एक टीम कोरोना से जुड़े तथ्यों के बारे में पता लगाने के लिए वुहान गई थी. इस दौरान टीम ने वुहान लैब का भी दौरा किया था. इसके बाद डब्ल्यूएचओ ने कहा कि यह साबित करने के लिए पर्याप्त तथ्य नहीं है कि ये वायरस वुहान की लैब से दुनियाभर में फैला. डब्ल्यूएचओ की एक टीम कोविड-19 के ओरिजन की जांच दोबारा कर रही है.
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर जांच में डब्ल्यूएचओ की टीम को पूरा सहयोग न देने और वुहान लैब से जुड़ी जानकारियां छिपाने के आरोप भी लगाए थे. चीन ने इस पर कड़ी आपत्ति जाहिर की थी. कोरोना के ओरिजन को लेकर दुनिया में इसकी चर्चा अभी तक जारी है, कई बड़े देशों ने इसके लिए चीन को जिम्मेदार बताया है और दावा किया है कि वुहान की एक लैब में इसे तैयार किया गया.