धूम्रपान करने वालों के लिए क्यों मुश्किल होता है इस लत को छोड़ना
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

धूम्रपान छोड़ने के बाद जिंदगी में कई सकारात्मक बदलाव होने लगते हैं. इसके बावजूद, कई लोगों के लिए धूम्रपान छोड़ना आसान नहीं होता. ‘सिर्फ एक’ सिगरेट की चाह उनकी आदतों को फिर से खराब कर देती है. आखिर ऐसा क्यों होता है?"मॉम, तुम धूम्रपान से मर जाओगी!” जब भी मेरा बेटा मुझे धूम्रपान करते हुए देखता था, तो डर की वजह से अपने सिर पर हाथ फेरने लगता था. इससे मुझे भी लगता था कि मेरी यह आदत सही नहीं है. फिर मैंने धूम्रपान करना छोड़ दिया. वह साल था 2019. दो महीने बाद भी मैंने सिगरेट को हाथ नहीं लगाया.

व्यसन से जुड़े मामलों का इलाज करने वाले चिकित्सक टोबियास रूथर मेरे धूम्रपान बंद करने से रोमांचित थे. वह म्यूनिख के लुडविग मैक्सिमिलियन यूनिवर्सिटी अस्पताल में तम्बाकू की लत छुड़ाने के लिए बनाए गए स्पेशल आउट पेशेंट क्लिनिक के प्रमुख हैं. रूथर ने कहा, "जब आप धूम्रपान बंद कर देते हैं, तो आपके जीवन में बहुत जल्दी सकारात्मक बदलाव होने लगते हैं.”

जल्द ही होते हैं कई बदलाव

रूथर ने मुझे बताया कि धूम्रपान छोड़ने के महज आठ घंटे बाद शरीर को बेहतर तरीके से ऑक्सीजन मिलने लगता है. सिर्फ एक से दो दिनों बाद कई लोगों की गंध और स्वाद फिर से बेहतर हो जाते हैं. दो सप्ताह बाद फेफड़े बेहतर तरीके से काम करने लगते हैं, जिससे खेलने के दौरान परेशानी नहीं होती. मैंने भी धूम्रपान छोड़ने के बाद खुद को पहले की तरह ही फिट महसूस किया.

रूथर कहते हैं, "आपको पहले की तुलना में तेज खांसी आ सकती है. इसकी वजह यह है कि फेफड़े खुद को साफ करना शुरू कर देते हैं. फेफड़े में स्प्रिंग जैसी जो संरचना होती है उसकी सफाई में करीब एक महीने का समय लगता है. इसके अलावा, एक महीने बाद आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली काफी मजबूत हो जाती है.”

लगातार तीन महीने तक धूम्रपान न करने पर आपको रात में अच्छी नींद भी आ सकती है. रूथर ने कहा, "धूम्रपान करने वालों को रात में ऐसा लगता है कि शरीर में निकोटीन की कमी हो गई है और आपको निकोटीन चाहिए. इस वजह से सोने के दौरान बेचैनी बढ़ जाती है. हालांकि, तीन महीने बाद सामान्य तौर पर नींद आने लगती है.”

सिगरेट पीने से कई और तरह के नुकसान

मैंने पूरी तरह सिगरेट छोड़ने से पहले यह सोचा कि इसे कम करने पर भी इंसान स्वस्थ हो सकता है, लेकिन यह पूरी तरह सच नहीं है. दो से ज्यादा सिगरेट शरीर को नुकसान पहुंचाने के लिए काफी हैं.

रूथर ने कहा, "3 से 20 सिगरेट पीने पर हृदय संबंधी जोखिम, यानी स्ट्रोक या दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है. वहीं, कैंसर को लेकर अलग कहानी है. हर एक सिगरेट कैंसर के जोखिम को बढ़ाता है.” रूथर ने बताया, "यह वाकई में बहुत अच्छी बात है कि आपने पूरी तरह सिगरेट पीना छोड़ दिया.” वे इस बात को लेकर काफी खुश थे.

धूम्रपान करने वाले दो लोगों में से एक की मौत तंबाकू की लत के कारण होती है और उनमें से 50 फीसदी की मौत 70 वर्ष की आयु से पहले हो जाती है. रूथर ने कहा कि मैं 50 वर्ष की आयु तक धूम्रपान के नतीजों को महसूस कर लूंगी.

फिर से धूम्रपान शुरू कर देते हैं 95 फीसदी लोग

मेरे हाथों को सिगरेट से दूर रखने के लिए निकोटीन पैच या एक्यूपंचर जैसे उपायों की जरूरत नहीं थी, जिनका इस्तेमाल धूम्रपान छोड़ने में मदद के लिए किया जाता है. सच्चाई यह है कि सिर्फ मेरी इच्छा शक्ति ही पर्याप्त थी. रूथर के मुताबिक, इसकी वजह यह हो सकती है कि मैंने देर से धूम्रपान करना शुरू किया, 21 वर्ष की उम्र के बाद.

रूथर ने कहा, "धूम्रपान करने वाले ज्यादातर लोग 12 से 16 वर्ष की उम्र के बीच ही ऐसा करना शुरू कर देते हैं. उस समय तक हमारा मस्तिष्क पूरी तरह विकसित भी नहीं हुआ होता है. निकोटीन एक अत्यंत सक्रिय न्यूरोट्रांसमीटर है जो मस्तिष्क में तंत्रिका के विकास पर गहरा असर डालता है. इसकी वजह से लोग आजीवन के लिए इस लत से ग्रसित हो जाते हैं. ऐसे में दृढ़ इच्छा शक्ति से ही इस लत से छुटकारा पाया जा सकता है.”

उन्होंने आगे कहा, "बिना किसी की मदद से धूम्रपान छोड़ने वाले आपके जैसे 100 लोगों में से 95 लोग फिर से एक साल के अंदर धूम्रपान शुरू कर देते हैं.”

धूम्रपान करने वाले का भ्रम

फिर से धूम्रपान शुरू करने का एक कारण है ‘धूम्रपान करने वाले का भ्रम'. इसे निकोटीन की घटिया मनोवैज्ञानिक चाल भी कह सकते हैं. रूथर ने बताया कि सिगरेट की लत में मनोवैज्ञानिक निर्भरता बहुत मजबूत होती है. इसलिए मैं भी धूम्रपान करने वाले के भ्रम में पड़ गई. सालों तक मैंने खुद को आश्वस्त किया कि धूम्रपान से मुझे शांति मिलेगी, तनाव दूर होगा और मुझे थोड़ी देर के लिए राहत मिलेगी. जबकि, हकीकत यह है कि हर सिगरेट दिल की धड़कन को बढ़ाता है और आपको ज्यादा बेचैन करता है.

सच्चाई यह है कि धूम्रपान ने मुझे ज्यादा शांत महसूस कराया, क्योंकि मैं सिगरेट के बिना एक लंबी अवधि के बाद, सिगरेट छोड़ने पर होने वाली बेचैनी के लक्षणों का अनुभव कर रही थी. मेरा शरीर निकोटीन की तलाश कर रहा था. रूथर ने कहा, "सिगरेट सिर्फ उस बेचैनी को दूर करता है जो आपको तब नहीं होती थी, जब आप धूम्रपान नहीं करती थीं.”

आदत बन जाती है सिगरेट

दोस्तों, संगीत और शराब के साथ पहली सिगरेट मुक्त शाम काफी अजीब थी. ऐसा लग रहा था जैसे कुछ छूट रहा हो और यह अजीब लग रहा था. वर्षों तक मैं सिर्फ यह मान रही थी कि धूम्रपान सिर्फ कुछ स्थितियों का हिस्सा था, जैसे कि शराब के साथ, कॉफी के साथ या ब्रेक के दौरान.

रूथर ने समझाया, "यह पावलोव के कुत्ते की तरह काम करता है. आप कुत्ते को कुछ खाने के लिए देते हैं और उसी समय घंटी बजाते हैं. कुछ समय बाद, सिर्फ घंटी बजाना ही पर्याप्त होता है और कुत्ता अपनी लार टपकाते हुए आ जाता है.”

धूम्रपान करने वालों के लिए यह घंटी स्थायी रूप से बजती है. आराम करने के दौरान या किसी काम को करने से पहले वे धूम्रपान करते हैं. जैसे कि खाने के बाद, बस का इंतजार करते समय या सेक्स के बाद. धीरे-धीरे यह सूची लंबी होती जाती है. रूथर ने कहा, "मूल बात यह है कि धूम्रपान लोगों की जिंदगी का हिस्सा बन जाता है.”

मुझे धूम्रपान छोड़ना है. आखिर ऐसा कैसे करूं?

जो कोई भी धूम्रपान छोड़ना चाहता है उसके लिए यह काफी मुश्किल काम है. जैसे टोबियास रूथर शुरू में अपने मरीजों को आश्वस्त करते हैं कि विफलता सामान्य है और यह इस प्रक्रिया का हिस्सा है.

उन्होंने बताया, "जब मरीज मुझे बताते हैं कि वे पहले ही पांच बार धूम्रपान छोड़ने की कोशिश कर चुके हैं, तो मैं पहले के इन प्रयासों को स्वीकार करता हूं. आखिरकार यह उनके लिए चिंता का एक महत्वपूर्ण विषय है. धूम्रपान की आदतों को छोड़ना, साइकिल चलाना सीखने जैसा है. गिरना इस प्रक्रिया का हिस्सा है. महत्वपूर्ण बात है उठकर खड़ा होना, फिर से कोशिश जारी रखना और आखिरकार अपने काम में सफल होना.”

इसके अलावा, मस्तिष्क को यह संकेत देना महत्वपूर्ण है कि कुछ बदल गया है. रूथर के मुताबिक, "सुबह सामान्य से अलग कुर्सी पर बैठें. कॉफी के बजाय चाय पिएं. पौधे को अपने ऑफिस में एक नए स्थान पर लगाएं. यानी, अपने मस्तिष्क को यह बताना है कि अब कई चीजें बदल गई हैं.

और सबसे बड़ी बात कि अगर आपकी इच्छा फिर से सिगरेट पीने की करती है, तब भी न पिएं. रूथर कहते हैं, "सिर्फ एक सिगरेट ही वापस आपको पहले वाली स्थिति में ला सकता है, दूसरे की जरूरत नहीं है.” (जूलिया वर्जिन)