Pakistan Issue: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच गुरुवार को यहां द्विपक्षीय वार्ता के दौरान आतंकवाद का मुद्दा उठा. प्रधानमंत्री ने चीनी राष्ट्रपति से कहा कि उनके देश के हर वक्त साथी पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम उठाने चाहिए. मोदी ने शी से कहा कि भारत ने पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम उठाने के प्रस्ताव दिए हैं, जोकि शांतिपूर्ण द्विपक्षीय संबंध विकसित करने की कोशिश की दिशा में है. लेकिन पश्चिमी सीमा पर स्थित पड़ोसी ने इस कोशिश को नाकाम कर दिया. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा पाकिस्तान स्थित आतंकी गुट जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के सरगना मसूद अजहर को अंतर्राष्ट्रीय आतंकी घोषित करने की राह में करीब 10 साल से बाधक बनी तकनीकी रोक को चीन ने एक मई को हटा ली थी, जिसके बाद पहली बार मोदी और शी के बीच मुलाकात के दौरान यह मुद्दा उठा.
प्रधानमंत्री ने चीनी राष्ट्रपति को बताया कि भारत अपनी एक-सी नीति पर कायम है कि भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय प्रक्रिया के जरिए सभी मसलों पर बातचीत होनी चाहिए. यह बात विदेश सचिव विजय गोखले ने बताई. वह शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के इतर दोनों नेताओं के बीच हुई वार्ता की जानकारी मीडिया को दे रहे थे.
गोखले से जब पूछा गया कि क्या मोदी और शी के बीच वार्ता के दौरान पाकिस्तान और आतंकवाद के मसले पर बातचीत हुई तो उन्होंने बताया, "संक्षिप्त बातचीत हुई." विदेश सचिव ने कहा, "प्रधानमंत्री ने शी से कहा कि उन्होंने पाकिस्तान के साथ गहरा रिश्ता बनाने की कोशिश की, लेकिन उसे नाकाम कर दिया गया."
गोखले ने कहा, "प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति शी को बताया कि पाकिस्तान को आतंकवाद मुक्त माहौल बनाने की जरूरत है, जोकि इस समय हम नहीं देख रहे हैं कि ऐसा हो रहा है." विदेश सचिव ने बताया कि मोदी ने शी से कहा, "इसलिए हम चाहते हैं कि पाकिस्तान उन मसलों पर ठोस कदम उठाए, जिनका प्रस्ताव भारत ने दिया है."
भारत ने कहा कि पाकिस्तान जब तक अपनी धरती से आतंकवाद पैदा करना बंद नहीं करेगा तब तक उससे कोई बातचीत नहीं हो सकती है.