Oxford Union Kashmir Debate: ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड यूनियन में गुरुवार को भारतीय छात्रों ने एक डिबेट का विरोध किया, जिसका विषय था, "यह सदन कश्मीर के स्वतंत्र राज्य पर विश्वास करता है". भारतीय छात्रों ने डिबेट के दौरान ऑक्सफोर्ड यूनियन के बाहर एकत्र होकर नारेबाजी की और अपनी नाराजगी जताई. यह डिबेट ऑक्सफोर्ड यूनियन द्वारा आयोजित किया गया था, जो विश्वविद्यालय का प्रतिष्ठित बहस मंच है.
इस डिबेट में कश्मीर के राजनीतिक मुद्दे पर चर्चा होनी थी, जो भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से विवादित क्षेत्र रहा है. इस डिबेट के पैनलिस्ट चयन को लेकर छात्रों में खासा आक्रोश देखा गया.
ऑक्सफोर्ड यूनियन के खिलाफ भारतीय छात्रों ने किया प्रोटेस्ट
#BREAKING: Indian students joined by people from Jammu & Kashmir🇮🇳 protest outside the Oxford Union in UK against the Pakistan ISI funded debate on Kashmir where terrorist associates have been invited to speak on India’s Kashmir. (I had withdrawn from the same debate last month) pic.twitter.com/jJsVnrYktY
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) November 14, 2024
'कश्मीर की स्वतंत्रता' डिबेट पर जताई नाराजगी
#BREAKING: Brave Indian student Aadarsh Mishra stood up inside Oxford Union debate venue and exposed the Pakistan ISI sponsored terror event which had participation of JKLF - terror group responsible for killing Indian Diplomat Ravindra Mahtre in Birmingham and Kashmiri Hindus. pic.twitter.com/RvgMdDSUPc
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) November 14, 2024
डिबेट के पैनलिस्ट चयन को लेकर बढ़ा बवाल
Our debate for tonight:
This House Believes in an Independent State of Kashmir.
Speakers for proposition:
1. Raza Nazar
2.Professor Zafar Khan
3.Dr.Muzzammil Ayub Thakur
Speakers for opposition:
1. Siddhant Nagrath
2. Yusuf Kundgol
3. Prem Shankar Jha pic.twitter.com/DY7zOQbPsd
— Oxford Union (@OxfordUnion) November 14, 2024
रिपोर्ट के अनुसार, इस डिबेट में "कश्मीर की स्वतंत्रता" के पक्ष में बोलने वाले पैनलिस्ट में कश्मीर फ्रीडम मूवमेंट के नेता डॉ. मुझम्मिल अय्यूब ठाकुर और जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के डिप्लोमेटिक ब्यूरो के चेयरमैन प्रोफेसर ज़फ़र खान शामिल थे. ये दोनों व्यक्ति कश्मीर पर भारत के शासन के खिलाफ मुखर रहे हैं. दूसरी ओर, इस प्रस्ताव का विरोध करने वाले पैनल में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह के मीडिया सलाहकार और अनुभवी विशेषज्ञ प्रेम शंकर झा, युसुफ कुंदगोल और सिद्धांत नागरथ थे.
कश्मीर मुद्दे पर डिबेट
ऑक्सफोर्ड यूनियन ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में लिखा, "कश्मीर का प्रश्न ब्रिटिश उपनिवेशवाद का एक विदाई उपहार है, जिसने 1947 से उपमहाद्वीप को परेशान किया है. यह मुद्दा कई युद्धों का कारण बना और कश्मीरी आत्मनिर्णय के संघर्ष को बढ़ावा दिया है." इस पोस्ट में कश्मीरी जनता की शांति की इच्छा पर जोर दिया गया, साथ ही यह सवाल भी उठाया गया कि क्या कश्मीर की स्वतंत्रता इस विवाद का हल हो सकता है.
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हिंदू संगठन का विरोध
ब्रिटेन के हिंदू संगठन, INSIGHT UK ने भी इस डिबेट का विरोध किया. उन्होंने "X" पर एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा, "हमने ऑक्सफोर्ड यूनियन को एक पत्र भेजकर अपनी चिंता जताई है. विशेष रूप से उन वक्ताओं को आमंत्रित करना, जिनके आतंकवाद से कथित संबंध हैं, गंभीर सवाल उठाता है." इस डिबेट में ऐसे व्यक्तियों का शामिल होना कई भारतीय छात्रों और भारतीय समुदाय में गहरी चिंता का विषय बन गया है.