जमीयते उलेमा-ए-इस्लाम-एफ (Jamiyate Ulema-e-Islam-F) के नेता मौलाना गफूर हैदरी (Abdul Ghafoor Haideri) ने कहा है कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) सरकार के दिन गिने-चुने रह गए हैं, क्योंकि लोग इस चयनित (सेलेक्टेड) शासन से तंग आ चुके हैं. सीनेट के पूर्व उपाध्यक्ष ने पार्टी की एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि देश में उद्योग बंद हो रहे हैं और अर्थव्यवस्था ध्वस्त होने की कगार पर है. हैदरी ने कहा कि लाखों लोगों ने अपनी नौकरी खो दी है.
उन्होंने कहा, "वर्ष 2020 में इस चयनित सरकार का अंत हो जाएगा." जेयूआई-एफ नेता ने कहा कि पीटीआई सरकार चुनावों में हेर-फेर करके सत्ता में आई है और वह देश को नहीं चला सकती है, क्योंकि संघीय मंत्रिमंडल के अधिकांश सदस्य लोगों के लिए काम करने के बजाय झूठे दावे करने में लिप्त हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान ने दावा किया था कि 2020 नौकरियों का वर्ष होगा, जबकि उनके कार्यकाल में लाखों बेरोजगार हो गए हैं.
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हैदरी ने राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) जावेद इकबाल से भ्रष्टाचार में लिप्त सत्ता पक्ष के लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा, "पीटीआई सरकार के राजनीतिक अत्याचार के लिए एक हथियार बनने के बजाए एनएबी को तटस्थ रहने की जरूरत है."
हैदरी ने कहा कि रक्षा मंत्री परवेज खट्टक खैबर-पख्तूनख्वा की बड़ी परियोजनाओं में भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं, लेकिन एनएबी मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई करने में असमर्थ है. वहीं बलूचिस्तान से पीटीआई के नेता बाबर यूसुफजई ने कहा है कि उनकी पार्टी की सरकार विपक्ष के दावों के विपरीत अपने पांच साल के कार्यकाल को पूरा करेगी. उन्होंने कहा, "पाकिस्तान के लोगों ने पिछले आम चुनावों में प्रधानमंत्री इमरान खान पर भरोसा किया लेकिन कुछ राजनेता इस ईमानदार सरकार को पचा नहीं पा रहे हैं."