इस्लामाबाद, 28 अगस्त : राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने शनिवार रात कहा कि 14 जून को मानसून के मौसम की शुरुआत के बाद से पाकिस्तान में भारी बारिश के कारण अलग-अलग हादसों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 1,000 हो गई है. प्राधिकरण ने कहा कि अलग-अलग घटनाओं में 1,527 लोग घायल भी हुए, जबकि आपदा में 949,858 घर आंशिक रूप से या पूरी तरह से नष्ट हो गए, जिससे देश में लाखों लोग बेघर हो गए, जो पिछले कुछ वर्षो से जलवायु परिवर्तन के गंभीर प्रभाव का सामना कर रहा है.
मरने वालों में 348 बच्चे और 207 महिलाएं शामिल हैं. समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने एनडीएमए के हवाले से बताया कि मौजूदा मानसून के दौरान दक्षिण सिंध प्रांत सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र रहा, जहां विभिन्न दुर्घटनाओं में 347 लोग मारे गए और 1,009 अन्य घायल हो गए. देशभर में अचानक आई बाढ़ में करीब 3,451 किलोमीटर सड़कें, 149 पुल और 170 दुकानें बह गईं. देशभर में बारिश में अनुमानित 719,558 पशुओं की मौत हो गई. यह भी पढ़ें : Pakistan Floods: पाकिस्तान में घातक बाढ़ के दौरान खराब राहत कार्य, गुस्साए बलूच ने सरकार पर साधा निशाना
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में एनडीएमए, अन्य सरकारी संगठनों, स्वयंसेवकों, गैर-सरकारी संगठनों और पाकिस्तानी सेना द्वारा बचाव और राहत अभियान जारी है. पाकिस्तान के मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिनों के दौरान पूरे देश में भारी बारिश जारी रहने की संभावना है. भारी बारिश के कारण सड़क और रेल यातायात बुरी तरह से बाधित हो गया, जिससे कई सड़कें और रेलवे ट्रैक जलमग्न हो गए और कई अन्य बह गए. अधिकारियों के अनुसार, बलूचिस्तान ने देश के बाकी हिस्सों के साथ भूमि यातायात खो दिया, जबकि भारी बारिश के कारण प्रांतीय राजधानी क्वेटा में उड़ान सेवा भी निलंबित कर दी गई.
सोशल मीडिया ने बाढ़ पीड़ितों के भयानक नजारे दिखाए, जो पानी के तेज बहाव में बह गए, और मवेशी, वाहन और मोटरबाइक अचानक बाढ़ में बह गए. सिंध के शहीद बेनजीराबाद जिले के एक गांव निवासी 65 वर्षीय मुहम्मद सलीम ने कहा कि उन्होंने अपने पूरे जीवन में देश में इतनी भारी बारिश कभी नहीं देखी. सलीम ने शिन्हुआ को बताया, "बिना किसी रूकावट के लगातार 72 घंटे बारिश हुई, जिससे गांव के 70 प्रतिशत घर तबाह हो गए और बाकी का भी बुरा हाल है. इतना ही नहीं, हमारी सारी फसलें बह गई हैं और खेतों में एक भी कतरा नहीं बचा है."
इससे पहले, मीडिया से बात करते हुए देश के जलवायु परिवर्तन मंत्री शेरी रहमान ने कहा कि उनका देश अभूतपूर्व बारिश और बाढ़ के साथ 'एक जलवायु-प्रेरित मानवीय आपदा' से गुजर रहा है. मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान में अगस्त में अब तक औसतन 166 मिलीमीटर बारिश हुई है, जो औसत से 241 प्रतिशत अधिक है. देश के दक्षिणी हिस्सों में सामान्य से 784 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है. उन्होंने कहा, "लगभग 3 करोड़ लोग आश्रय के बिना हैं, उनमें से हजारों विस्थापित हैं और उनके पास भोजन नहीं है."
प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने जनता से बाढ़ पीड़ितों को अपने बाढ़ राहत कोष में उदारतापूर्वक दान करके वित्तीय सहायता देने के लिए कहा है. उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से देश को नुकसान से निपटने और पीड़ितों के पुनर्वास में मदद करने की भी अपील की है. शनिवार को सिंध के बाढ़ प्रभावित इलाके के दौरे के दौरान शाहबाज ने कहा कि सरकार ने बाढ़ पीड़ितों को राहत देने के लिए 38 अरब पाकिस्तानी रुपये (लगभग 171.6 मिलियन अमेरिकी डॉलर) और 25,000 रुपये (लगभग 112.9 अमेरिकी डॉलर) नकद में आवंटित किए हैं. प्रत्येक प्रभावित परिवार को जीवित रहने की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए भी प्रदान किया जाएगा.