इस्लामाबाद: चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) की हमेशा गुणगान गाने वाला पाकिस्तान अब इसकी एक और परियोजना को टाल रहा है. गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान ने सीपीईसी के तहत बनने वाले कोयला आधारित बिजली संयंत्र की परियोजना को करने से मना कर दिया है. इसके पीछे पाकिस्तान की दलील है कि सीपीईसी की परियोजना से पहले और कई परियोजना अटकी हुई है.
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने आधिकारिक तौर पर चीन को यह संदेश भेज दिया है कि वह अब इस परियोजना में रुचि नहीं रखते हैं, क्योंकि अगले कुछ सालों के लिए पर्याप्त उत्पादन क्षमता की परियोजनाएं पहले से ही कतार में हैं.
पाकिस्तान की पिछली सरकार पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज ने चीन द्वारा स्थापित की जाने वाली 1,320 मेगावाट की रहीम यार खान बिजली परियोजना को आगे बढ़ाया था. यह भी पढ़े- ड्रैगन ने CPEC के बहाने पाकिस्तान में चली है यह चाल, भारत-अमेरिका के लिए बढ़ा खतरा
इससे पहले पाकिस्तान ने सीपीईसी के एक रेल प्रोजेक्ट पर सवाल उठाया था. पाकिस्तान को यह तब महसूस हुआ जब अमेरिका ने कहा कि चीन कई देशों को अपना उपनिवेश बनाना चाहता है. जिसके बाद चीन के कर्ज जाल से डरे पाकिस्तान सरकार ने सीपीईसी की एक परियोजना पर पुनर्विचार करने की बात कही थी.
चीन की मंशा भांपने के बाद अब पाकिस्तान के रेल मंत्री शेख राशिद ने कहा है कि हमारा देश गरीब है. हम चीन का भारी-भरकम कर्ज नहीं झेल सकते. अब पाकिस्तान चीन के रेल प्रोजेक्ट में दो बिलियन डॉलर की कटौती चाहता है. पाकिस्तान का कहना है कि हम अपनी हैसियत और जरूरत के मुताबिक ही आगे बढ़ेंगे.
बता दें की सीपीईसी प्रोजेक्ट चीन के सीक्यांग प्रांत को पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह से जोड़ेगा. चीन अपनी महात्वाकांक्षी परियोजना बेल्ट ऐंड रोड के तहत बनाए जा रहे सीपीईसी की आड़ में पाकिस्तान में अपने पांव जमा रहा है. चीन पाकिस्तान में पाइपलाइन, रेलवे समेत कई तरह के नेटवर्क में निवेश कर रहा है. चीन ने इस तरह के अपने 39 महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट बनाए हैं जिनमें से करीब 19 प्रोजेक्ट अब तक वह पेश कर चुका है. इसके लिए 2015 से अब तक चीन करीब 18.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर का खर्चा कर चुका है.