इस्लामाबाद. तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के आतंकियों ने खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में शरिया कानूनी (Sharia Law) से शासित क्षेत्र बनाने की मांग है. इतना ही नहीं टीटीपी ने पाकिस्तान में अलग इस्लामिक देश के लिए जिहाद का ऐलान भी किया है. इस ऐलान के बाद से ही शहबाज शरीफ की नींद उड़ गई है. Pakistan: कराची में उपचुनाव के दौरान हिंसा में एक व्यक्ति की मौत, 12 लोग हुए घायल
एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, शहबाज सरकार टीटीपी आतंकियों को मनाने के लिए पाकिस्तानी मौलानाओं का एक दल अफगानिस्तान भेज रही है. ये मौलाना टीटीपी आतंकियों और पाकिस्तान सरकार के बीच मध्यस्थता कर रहे तालिबानी गृहमंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी से मुलाकात करेंगे और इस मसले पर बातचीत करेंगे.
शहबाज सरकार चाहती है कि टीटीपी शरिया कानून से शासित इलाका बनाने और जिहाद के ऐलान से पीछे हट जाए, लेकिन आतंकी अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं. एक नेताओं के समूह ने टीटीपी को सीजफायर के लिए मना लिया है. पाकिस्तान सरकार 13 मौलाना काबुल भेज रहा हैं. इस समूह में खैबर-पख्तूनख्वा इलाके के उलेमा भी शामिल किए जाएंगे, जिनका हक्कानी नेटवर्क के साथ करीबी संबंध है. पाकिस्तानी उलेमा टीटीपी कमांडरों के साथ काबुल में बैठक करेंगे.
यह प्रतिनिधिमंडल टीटीपी को यह मनाने की कोशिश करेगा कि वे आदिवासी इलाके को स्वायत्त इलाका बनाने की मांग को छोड़ दें, जिसे पाकिस्तानी संसद ने एक प्रस्ताव पारित करके खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत का हिस्सा बना दिया था.
टीटीपी खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के आदिवासी इलाके में अपनी ‘इस्लामिक सरकार’ बनाना चाहता है जहां पाकिस्तान के कानूनों से अलग शरिया कानून से शासन होगा. इस इलाके से पाकिस्तानी सेना को भी हटना होगा. TTP ने पाकिस्तान की सरकार के खिलाफ जिहाद छेड़ रखा है.