इस्लामाबाद, 23 अप्रैल: पाकिस्तान की सरकारी स्वामित्व वाली संस्थाएं (एसओई) दक्षिण एशिया में सबसे खराब स्थिति में हैं और उनका संयुक्त घाटा तेजी से बढ़ रहा है, जिसके चलते सरकारी खजाने पर दबाव बन रहा है. विश्व बैंक के अनुसार, वार्षिक आधार पर वे एक साथ सार्वजनिक धन का 458 बिलियन से अधिक पाकिस्तानी रुपया लेते हैं. उनके संयुक्त ऋण और गारंटी वित्त वर्ष 2021 में सकल घरेलू उत्पाद (5.4 ट्रिलियन पीकेआर) के 3.1 प्रतिशत या 2016 में 1.05 ट्रिलियन पीकेआर से जीडीपी के लगभग 10 प्रतिशत तक बढ़ गईं. यह भी पढ़ें: IND PAK WAR! 'भारत के साथ हो सकता है युद्ध', पाकिस्तान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को दी चेतावनी
विश्व बैंक ने कहा, वे एक महत्वपूर्ण वित्तीय ड्रेन है और संघीय सरकार पर पर्याप्त वित्तीय जोखिम पैदा करते हैं। साथ ही कहा कि वित्त वर्ष 2016 से इन संस्थाओं को घाटा हो रहा है, वित्त वर्ष 2016-20 में सकल घरेलू उत्पाद का 0.5 प्रतिशत औसत वार्षिक घाटा रहा है.
सार्वजनिक व्यय समीक्षा 2023 में कहा गया है, पाकिस्तान का संघीय एसओई दक्षिण एशिया क्षेत्र में सबसे कम लाभदायक पाया गया है. लगातार घाटे के साथ संचित एसओई घाटा काफी हो गया था, जो वित्त वर्ष 20 में सकल घरेलू उत्पाद का 3.1 प्रतिशत था. एसओई के लिए संघीय सरकार का जोखिम, एसओई को गारंटी और सरकारी ऋण के बकाया स्टॉक के रूप में परिभाषित किया गया है, जो तेजी से बढ़ रहा है और वित्त वर्ष 2021 में जीडीपी के 9.7 प्रतिशत पर था.
रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2016-2021 के दौरान घरेलू और विदेशी ऋणों और गारंटी के खिलाफ संयुक्त राजकोषीय जोखिम 42.9 प्रतिशत की औसत वार्षिक वृद्धि के साथ तेजी से बढ़ रहा था. रिपोर्ट में कहा गया है कि व्यक्तिगत एसओई का प्रदर्शन काफी हद तक क्षेत्रीय प्रदर्शन से तय होता है। हालांकि एसओई के नुकसान के प्राथमिक कारण अलग-अलग हैं, वे आम तौर पर अनसुलझे कॉरपोरेट गर्वनेंस के मुद्दों, क्षेत्र के नियमों, पूर्ण पुनर्गठन और अपर्याप्त वर्तमान सब्सिडी में प्रावधान की लागत को कम कर आंकने से संबंधित हैं.
एसओई के नुकसान बिजली, बुनियादी ढांचे और परिवहन क्षेत्रों में केंद्रित हैं, और कुल मिलाकर लाभदायक एसओई से होने वाले मुनाफे से अधिक हैं. हालांकि वाणिज्यिक एसओई की एक बड़ी संख्या ने वित्त वर्ष 2020 में मुनाफा कमाया, लेकिन वे तेल और गैस क्षेत्र में केंद्रित थे.