तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (Tehreek-e-Taliban Pakistan) (टीटीपी) पाकिस्तानी मदरसों से निकले अपने युवा रंगरूटों से कहता है, "जब आप आत्मघाती हमलावर के रूप में शहीद होंगे, तो शराब की नदी के अलावा 'जन्नत' (स्वर्ग) में बॉलीवुड अभिनेत्रियां आपका स्वागत करेंगी।"फ्रांस की मीडिया फ्रांस24 द्वारा बनाया गया एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो क्लिप में पाकिस्तानी सेना का एक अधिकारी टीटीपी के सुरक्षित घरों में से एक का दौरा कर रहा है, जिसे संग्रहालय में बदल दिया गया है. इसमें टीटीपी के खिलाफ विभिन्न सैन्य अभियानों से एकत्र की गई वस्तुएं हैं. यह भी पढ़े: Afghanistan: अफगानिस्तान पर ऑनलाइन बैठक का आयोजन करेगा चीन
अधिकारी कहते हैं, "उत्तरी वजीरिस्तान में विभिन्न आकार के ऐसे कम से कम 300 सेफहाउस हैं. हमने इस संग्रहालय में उनके शोकेश से लिए गए सभी उपकरण और वस्तुओं को एकत्र किया है. "ट्विटर पर पोस्ट की गई इस छोटी सी वीडियो क्लिप में पाकिस्तानी सेना अधिकारी टीटीपी से पकड़े गए अमेरिकी हमवी को दिखा रहा है. फिर वह कैमरा क्रू को एक कमरे में ले जाता है, जहां युवा रंगरूटों का आतंकवादी संगठन द्वारा ब्रेनवॉश किया गया था. अधिकारी ने दीवार पर रानी मुखर्जी, काजोल जैसी बॉलीवुड अभिनेत्रियों की तस्वीरों की ओर इशारा करते हुए कहा, "इस कमरे में उन्होंने स्वर्ग की एक पूरी तस्वीर का चित्रण किया है, जो माना जाता है कि युवा आत्मघाती हमलावर की प्रतीक्षा कर रहा है. आत्मघाती हमलावर बनने वाले युवा लड़कों को यहां लाया गया और कुछ दिनों के लिए रखा गया. उन्हें बताया गया कि जब वे स्वर्ग में पहुंचेंगे तो शराब की नदी में अपनी आंखें खोलेंगे और वहां सुंदर महिलाएं खुले हाथों से उनका अभिवादन करेंगी."
पाकिस्तानी पत्रकार गुल बुखारी ट्विटर पर कहती हैं, "यह इतना मजेदार है और इतना दुखद भी कि मैं बयां नहीं कर सकती. मेरा मतलब है काफिर अभिनेत्रियां और शराब की नदियां? ये सभी चीजें जो इस जीवन में प्रतिबंधित हैं, सबकुछ इन गरीब बच्चों को देंगे जो खुद को उड़ाते हैं. "वीडियो क्लिप फ्रांस द्वारा बनाई गई 'शांति के लिए एक लंबी सड़क : पाकिस्तान के आदिवासी क्षेत्र' शीर्षक वाली समाचार रिपोर्ट का हिस्सा है. रिपोर्ट कहती है, "जैसा कि तालिबान ने एक बार फिर से अफगानिस्तान पर नियंत्रण कर लिया है, हम आपको एक ऐसी जगह पर ले जाते हैं, जहां उनके सदस्यों को अक्सर शरण मिलती है. अफगान सीमा पर स्थित, पाकिस्तान के कबायली इलाकों को कट्टरपंथी इस्लामी समूहों द्वारा लंबे समय से अस्थिर कर दिया गया है, जो वहां दंड से मुक्ति के साथ काम करते थे, चूंकि पाकिस्तानी कानून इस क्षेत्र में लागू नहीं होता."यह भी पढ़े: पाकिस्तान की तालिबान को मजबूत करने में भूमिका, कट्टरपंथियों की जीत: अमेरिकी सांसद
अफगान तालिबान की खुशी के बीच पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान घबराया हुआ है. पाकिस्तानी सुरक्षा बलों पर टीटीपी या पाकिस्तान तालिबान द्वारा एक दर्जन से अधिक हमले हुए हैं, जिनमें आत्मघाती हमलावरों द्वारा छह हमले शामिल हैं, जिसमें 30 से अधिक पाकिस्तानी सुरक्षाकर्मी मारे गए हैं. पाकिस्तान ने हाल ही में तालिबान से माफी के बदले में टीटीपी लड़ाकों को हथियार सौंपने के लिए मजबूर करने के लिए कहा है, लेकिन तालिबान ने जवाब दिया कि वह टीटीपी सदस्यों को नहीं सौंपेगा और पाकिस्तानी एजेंसियों से कहा कि टीटीपी का मुद्दा अफगानिस्तान को हल करने के लिए नहीं है, बल्कि पाकिस्तानी सरकार और उसके धार्मिक उलेमाओं द्वारा हल किया जाएगा. "तालिबान नेताओं ने दोहराया कि तालिबान का रुख यह है कि किसी अन्य देश की शांति को नष्ट करने के लिए अफगान धरती का इस्तेमाल किसी के द्वारा नहीं किया जाएगा. लेकिन पाकिस्तान का सैन्य प्रतिष्ठान चिंतित है, और यह पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के बयानों में परिलक्षित होता है, जो सीपीईसी परियोजनाओं और उसके चीनी श्रमिकों पर बढ़ते हमलों के बाद अपने 'लौह भाई' चीन के भारी दबाव में है.