उत्तर कोरिया (North Korea) के सनकी शासक किम जोंग-उन (Kim Jong-un) का एक और फैसला पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बन गया है. बताया जा रहा है कि दिवंगत नेता किम जोंग-इल (Kim Jong-il) के जन्मदिन के दिन कथित तौर पर फूल समय पर नहीं खिले तो बागवानों के एक समूह को श्रमिक शिविरों में भेज दिया गया. दक्षिण कोरिया में कोविड-19 के कारण रिकॉर्ड मौतें
यह बात अब पूरे विश्व को पता है कि उत्तर कोरिया में ऐसे कानून हैं जो असामान्य हैं. अक्सर किम जोंग-उन के निर्णयों और घोषणाओं ने नेटिज़न्स तक को चकित किया है. दिसंबर 2021 में उत्तर कोरिया ने पूर्व नेता किम जोंग-इल की मृत्यु की दसवीं वर्षगांठ के मौके पर 11 दिनों के लिए नागरिकों के हंसने, ड्रिंक करने और किराना सामानों की खरीदारी पर रोक लगा दी थी.
रिपोर्टों के अनुसार, उत्तर कोरिया के तानाशाह को जब यह सूचना मिली की 'किमजोंगिलिया' बेगोनिआ (Kimjongilia Begonia) समय पर नहीं खिलेगा. तो काम में लापरवाही बरतने के आरोप में बागवानों को छह महीने के लिए श्रमिक शिविर भेज दिया गया. दरअसल 'किमजोंगिलिया' एक प्रकार का फूल है जिसका बुधवार को पूर्व नेता के जन्मदिन को चिह्नित करने के लिए खिलना आवश्यक था. किमजोंगिलिया को 'अमर फूल' भी कहा जाता है. इसका नाम किम जोंग-इल के नाम पर ही रखा गया था. अगर यह समय पर खिलता तो 16 फरवरी को ये उत्सव का केंद्र बिंदु होता. हालांकि, फूल समय पर नहीं खिले.
दरअसल इसके खिलने की प्रक्रिया के दौरान ग्रीनहाउस के तापमान और आर्द्रता की सावधानीपूर्वक और नियमित रूप से निगरानी करने की आवश्यकता होती है. नहीं तो यह नहीं खिलता. इसलिए इसके पास लकड़ी जलाकर गर्मी उत्पन्न की जाती है. इसे कम से कम 30 साल एक जापानी वनस्पतिशास्त्री ने विकसित किया था. जिसके बाद यह 1988 में जोंग-इल के जन्मदिन के दिन चिह्नित किया गया था.
एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान नेता किम जोंग-उन के पिता किम जोंग-इल ने 1994 से 2011 में एकांतप्रिय शासन का नेतृत्व किया था. उनकी जयंती (16 फरवरी) के दिन उत्तर कोरिया में राष्ट्रीय अवकाश का दिन घोषित किया जाता है.