नई दिल्ली/ इस्लामाबाद: पाकिस्तान (Pakistan) के एक मौलवी एक वीडियो में यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि उनके देश में बिजनेस करने वाली चीनी कंपनियां (Chinese Companies) वहां कार्यरत मुस्लिम कर्मचारियों को कार्यालय के समय के दौरान नमाज अदा करने की अनुमति नहीं देती हैं. मौलवी वीडियो में यह दावा कर रहे हैं कि पाकिस्तान में चीन कंपनियां काम के बीच में से मुस्लिम कर्मचारियों को नमाज के लिए वक्त ही नहीं दे रही हैं.
26 जून को सोशल मीडिया पर सामने आए इस वीडियो में एक पाकिस्तानी मौलवी ने मुस्लिमों को चीनी कंपनियों के खिलाफ नमाज पर पाबंदी लगाने के फैसले के खिलाफ खड़े होने को कहा, जो इस्लाम के पांच बुनियादी सिद्धांतों में से एक है. यह भी पढ़ें: आतंकी ओसामा बिन लादेन को 'शहीद' कहने पर पाकिस्तान के लोगों ने इमरान खान का किया विरोध.
वीडियो में मौलवी मुफ्ती तारिक मसूद को पाकिस्तानियों से दृढ़ रहने का आग्रह कर रहे हैं. वीडियो में वे चीनियों से कहते हैं कि पाकिस्तान में "उन्हें स्थानीय कानूनों का पालन करना होगा ये उनका देश नहीं है." मौलवी वीडियो में कह रहे हैं, "हम नमाज को नजरअंदाज नहीं कर सकते. लोग डरते हैं कि वे अपनी नौकरी खो देंगे, लेकिन यह अब हमारे लिए आत्म-सम्मान का विषय बन गया है."
यहां देखें पाकिस्तानी मौलवी का वीडियो-
चीन को पाकिस्तान का सदाबहार और सबसे प्रिय मित्र देश माना जाता है. लेकिन बीजिंग अपने यहां के चीनी मुस्लिमों, खास तौर से उइगर मुस्लिमों के प्रति आक्रामक बना हुआ है.उइगुर मुस्लिमों के अधिकारों को लेकर पाकिस्तान की सरकार हमेशा आंखें मूंदे रहती है, तो वहीं पाकिस्तान में जनता की राय चीनी लोगों के खिलाफ है. जल्दी ही पाकिस्तानी जनता की राय पर चीन अपनी पकड़ खो सकता है. ऐसी स्थिति में पाकिस्तान के साथ काम करने में चीन को दिक्कत हो सकती है.
यही नहीं चीन ने अपने यहां भी मुस्लिम आबादी पर अंकुश लगाने के लिए व्यापक अभियान छेड़ा हुआ है. चीनी सरकार अपने यहां बहुमत वाले हान जाति के लोगों को अधिक बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है जबकि उइगर और अन्य अल्पसंख्यकों के बीच जन्म दर को कम करने के लिए कठोरता दिखाई जा रही है. चीन की इन्हीं हरकतों के वजह से कई बार उसकी आलोचना भी हुई है.