लंदन: पाकिस्तान में मानवाधिकारों के हनन के खिलाफ पाक के बाहर भी लोग आवाज उठा रहे हैं. अन्य देशों में भी विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है. ताजा मामला लंदन से है. यहां पश्तीन तहफ्फुज मूवमेंट (Pashtun Tahafuz Movement) के संस्थापक और मानवाधिकार कार्यकर्ता मंजूर पश्तीन (Manzoor Pashteen) की गिरफ्तारी का विरोध शुरू हो गया है. ब्रिटेन और यूरोप में रहने वाले पश्तूनों की एक बड़े समूह ने लंदन में प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने यहां पाकिस्तानी दूतावास के सामने इकट्ठा होकर मंजूर पश्तीन को रिहा करने की मांग की.
मंजूर पश्तीन को 27 जनवरी, 2020 को कथित तौर पर षड्यंत्र रचने और राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. मंजूर पश्तीन ने पाकिस्तानी सेना पर मानवाधिकार को लेकर निशाना साधा था. इस बीच मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने भी मंजूर पश्तीन की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए उनकी जल्द और बिना शर्त रिहाई की मांग की है.
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पाकिस्तानी दूतावास के सामने पश्तूनों का प्रदर्शन-
Manzoor Pashteen was taken into custody in Pakistan's Peshawar along with nine others from his Pashtun Protection Movement on January 26. https://t.co/AIWrwxXi7E
— ANI (@ANI) February 3, 2020
पुलिस की ओर से 21 जनवरी को दर्ज की गई शिकायत के अनुसार, पश्तीन पर 18 जनवरी को एक सार्वजनिक सभा के दौरान राज्य के खिलाफ धमकी और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप है. पीटीएम देश के कबाइली इलाकों में पाकिस्तानी सेना की नीतियों के खिलाफ आवाज उठाता रहा है.
पीटीआई भाषा ने डॉन अखबार की खबर हवाले से बताया, मंजूर पश्तीन ने 18 जनवरी को खैबर पख्तूनखवा के डेरा इस्माइल खान शहर में एक सभा में शिरकत की थी जहां उसने कथित तौर पर कहा कि 1973 के संविधान में मैलिक मानवीय अधिकारों की अवहेलना की गई है. उन्होंने सेना पर शोषण के आरोप लगाया था.