केन्या की संसद में मंगलवार को जो हुआ उसने दुनियाभर में सुर्खियां बटोर लीं. हजारों प्रदर्शनकारी मंगलवार को केन्या की संसद में घुस गए. प्रदर्शनकारी टैक्स में बढ़ोतरी का विरोध कर रहे हैं. केन्याई प्रदर्शनकारियों ने प्लान टैक्स में बढ़ोतरी को लेकर राष्ट्रपति विलियम रूटो के इस्तीफे की मांग की. प्रदर्शनकारियों ने संसद के एक हिस्से में आग लगा दी. आग की घटना के बाद जान बचाने के लिए सभी विधायक संसद से बाहर निकल गए. केन्याई प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार राजधानी नैरोबी में पुलिस के साथ झड़प की. पुलिस ने विरोध प्रदर्शन को शांत कराने के लिए आंसू गैस के गोले दागे.
पुलिस ने राजधानी नैरोबी में प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाईं. प्रदर्शन में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया और उनकी मांग थी कि सांसद एक विवादास्पद वित्त विधेयक में प्रस्तावित नए करों के खिलाफ मतदान करें. अब तक इन झड़पों में 10 लोगों की मौत हो गई, जबकि 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए.
केन्या में भारी बवाल
A section of Parliament set on fire pic.twitter.com/MZUiRsLVlX— Citizen TV Kenya (@citizentvkenya) June 25, 2024
Scenes of aftermath inside Parliament as protestors storm buildings pic.twitter.com/mdHh0VtC5v— Citizen TV Kenya (@citizentvkenya) June 25, 2024
केन्या के लोगों द्वारा दान की गई सामग्री के साथ चिकित्सकों ने विभिन्न शहरों में अस्थायी आपातकालीन प्रतिक्रिया केंद्र स्थापित किए. विरोध प्रदर्शन का यह दौर तब शुरू हुआ जब सांसदों ने नए करों की पेशकश करने वाले वित्त विधेयक पर मतदान किया. इन नये करों में ‘इको-लेवी’ भी शामिल है जो सैनिटरी पैड और डायपर जैसी वस्तुओं की कीमत बढ़ाएगी. लोगों के आक्रोश के बाद ‘ब्रेड’ पर कर लगाने का प्रस्ताव हटा दिया गया लेकिन प्रदर्शनकारी अब भी संसद से इस विधेयक को पारित नहीं करने का आह्वान कर रहे हैं.
केन्या मानवाधिकार आयोग ने मंगलवार को अधिकारियों द्वारा प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने का एक वीडियो साझा किया और कहा कि उन्हें जवाबदेह ठहराया जाएगा.
आयोग ने ‘एक्स’ पर राष्ट्रपति विलियम रुटो को संबोधित करते हुए लिखा, “दुनिया आपको अत्याचार की ओर बढ़ते हुए देख रही है! आपकी सरकार के कार्य लोकतंत्र पर हमला हैं. गोलीबारी में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से शामिल सभी लोगों को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए.”