Israel-Gaza War: इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल काट्ज़ ने एक बार फिर हमास को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर उनकी शर्तें नहीं मानी गईं तो गाजा पर "नरक के द्वार" खोल दिए जाएंगे. यह धमकी अगस्त 2025 के अंत में दी गई, जब इजरायली सरकार ने गाजा शहर पर कब्जा करने के लिए अपने सैन्य अभियानों को मंजूरी दे दी.
22 अगस्त 2025 को, जब प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा शहर पर कब्जे की सैन्य योजना को हरी झंडी दिखाई, तब रक्षा मंत्री काट्ज़ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर पोस्ट किया. उन्होंने लिखा कि "गाजा में हमास के हत्यारों और बलात्कारियों के सिर पर जल्द ही नरक के द्वार खुलेंगे".
उन्होंने साफ कहा कि यह तब तक जारी रहेगा "जब तक वे युद्ध खत्म करने के लिए इजरायल की शर्तों पर सहमत नहीं हो जाते, जिसमें मुख्य रूप से सभी बंधकों की रिहाई और उनका हथियार डालना शामिल है".
काट्ज़ ने यह भी कहा कि अगर हमास ने शर्तें नहीं मानीं, तो गाजा शहर का हाल भी "राफा और बेत हानून जैसा हो जाएगा". ये वो दो शहर हैं जो इजरायली हमलों में लगभग पूरी तरह से तबाह हो चुके हैं. यह चेतावनी ठीक उस समय आई जब दुनिया की भूख पर नजर रखने वाली सबसे बड़ी संस्था ने गाजा शहर में अकाल की घोषणा की.
BREAKING: Israel's defense minister says that the 'gates of hell in Gaza have been opened'
— The Spectator Index (@spectatorindex) September 5, 2025
यह धमकी पहले भी दी जा चुकी है
अक्टूबर 2023 में संघर्ष शुरू होने के बाद से काट्ज़ और अन्य इजरायली अधिकारी हमास पर दबाव बनाने के लिए इस तरह की भाषा का इस्तेमाल कई बार कर चुके हैं.
उदाहरण के लिए, जुलाई 2025 में भी काट्ज़ ने बंधकों को रिहा न करने पर ऐसे ही अंजाम की धमकी दी थी. इसी तरह, मार्च 2025 में भी जब युद्धविराम की बातचीत रुक गई थी, तब भी उन्होंने ऐसे ही बयान दिए थे.
धमकी के बीच मौजूदा हालात
अगस्त 2025 की चेतावनी के बाद, इजरायल ने सितंबर 2025 की शुरुआत में गाजा शहर में अपना जमीनी ऑपरेशन शुरू कर दिया.
सितंबर 2025 की शुरुआत तक, इजरायली सैन्य अधिकारियों ने दावा किया है कि उन्होंने शहर के लगभग 40% हिस्से पर नियंत्रण कर लिया है.
दूसरी ओर, हमास का कहना है कि वह एक व्यापक युद्धविराम समझौते के लिए तैयार है, जिसमें गाजा पर शासन करने के लिए एक स्वतंत्र राष्ट्रीय प्रशासन का गठन भी शामिल होगा. हालांकि, इजरायल ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. प्रधानमंत्री नेतन्याहू के कार्यालय का कहना है कि "युद्ध तुरंत समाप्त हो सकता है", लेकिन सिर्फ उनकी अपनी शर्तों पर.













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