Israel Hamas War: इजरायल शुरुआती छापे के साथ गाजा में बड़े पैमाने पर कर रहा जमीनी घुसपैठ की तैयारी- रिपोर्ट
Israel-Hamas War | Photo: X

न्यूयॉर्क, 29 अक्टूबर : अपहर्ताओं और उनके बंधकों को बाहर निकालने में हवाई हमलों द्वारा लगातार बमबारी विफल होने के बाद इजरायली सैनिकों और टैंकों ने व्यापक रूप से अपेक्षित जमीनी हमले से पहले उत्तरी गाजा में भूमिगत तहखानों से हमास और अन्य आतंकवादी ठिकानों पर घंटों तक जमीनी हमले किए. टाइम मैगजीन की रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र की चेतावनी के बीच इजरायल ने जमीन पर हमला किया. गाजा में ईंधन खत्म होने की कगार पर है, जिससे उसे क्षेत्र में राहत प्रयासों को प्रतिबंधित करना पड़ा, जो पूरी तरह से घेराबंदी के तहत है, क्योंकि दक्षिणी इजरायल में 7 अक्टूबर को हमास के खूनी तांडव ने पहले ही युद्ध को भड़का दिया था.

युद्ध के दौरान गाजा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 7,000 हो गई, मृृतकों की गिनती अभी भी जारी है. दशकों से चले आ रहे इजरायली-फिलिस्तीनी संघर्ष में इतनी मौतें पहले कभी नहीं हुई थी. फ़िलिस्तीनी अधिकारियों को डर है कि यदि इजरायल ने हमास को कुचलने के मकसद से जमीनी हमला शुरू किया तो जानमाल का नुकसान ज्‍यादा होने का अंदेशा है. हमास ने साल 2007 से गाजा पर कब्‍जा कर रखा है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को कहा था कि हमास शासित गाजा में पिछले 24 घंटों में 750 से अधिक लोग मारे गए, जो पिछले दिन मारे गए 704 से अधिक हैं. बुधवार को गाजा में अल-जजीरा के अनुभवी संवाददाता वाएल दहदौह की पत्‍नी, बेटे, बेटी और पोते का निधन हो गया. कतर स्थित नेटवर्क ने एक अस्पताल में प्रवेश करने और अपने मृत बेटे को देखते हुए उनका फुटेज दिखाया. यह भी पढ़ें : Israel Hamas War: गाजा में संघर्ष विराम के लिए मतदान से दूरी को लेकर सरकार पर बरसा विपक्ष, भाजपा का पलटवार

दाहदौह और अन्य शोक संतप्त लोग फिलिस्तीनी क्षेत्रों में पत्रकारों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली नीली फ्लैक जैकेट पहनकर गुरुवार को अंतिम संस्कार में शामिल हुए. इजरायली सेना ने हमास पर घनी आबादी वाले गाजा में नागरिकों के बीच काम करने का आरोप लगाया है और कहा कि यह केवल हमास के ठिकानों पर हमला करता है. फिलिस्तीनी आतंकवादियों ने नागरिकों को मानव ढाल के रूप में उपयोग करते हुए स्कूल, कॉलेजों और मस्जिदों जैसे नागरिक ठिकानों से इजरायल में रॉकेट दागे हैं. गाजा में हमास को कुचलने की कसम खाते हुए 7 अक्टूबर को अपनी धरती पर हुए खूनी हमले के बाद से इजरायल प्रतिशोध की भावना में है. इजरायल ने स्पष्ट कर दिया है कि उसका गाजा क्षेत्र पर दोबारा कब्ज़ा करने का कोई इरादा नहीं है जिसे उसने 2005 में सैनिकों और बसने वालों के साथ छोड़ दिया था. टाइम ने कहा, "यह एक कठिन चुनौती साबित हो सकती है, क्योंकि हमास फिलिस्तीनी समाज में राजनीतिक और चैरिटी संगठनों के साथ-साथ एक दुर्जेय सशस्त्र विंग के साथ गहरी जड़ें जमा चुका है."

सेना ने कहा कि रातभर की छापेमारी के दौरान सैनिकों ने लड़ाकू विमानों को मार गिराया और आतंकवादी बुनियादी ढांचे और टैंक रोधी मिसाइल लॉन्चिंग ठिकानों को नष्ट कर दिया. इसमें कहा गया कि कोई भी इसराइली घायल नहीं हुआ. किसी फ़िलिस्तीनी के हताहत होने की तत्काल कोई पुष्टि नहीं हुई है. एक सैन्य प्रवक्ता, इजरायली रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने कहा कि सीमित घुसपैठ "युद्ध के अगले चरण के लिए हमारी तैयारी का हिस्सा" थी. कतर के हस्तक्षेप पर हमास द्वारा पहले ही चार बंधकों को रिहा कर दिया गया है. क़तर बंधकों की रिहाई के लिए हमास के साथ प्रतिनिधि वार्ता भी कर रहा है. इजरायल ने यह भी कहा कि उसने पिछले 24 घंटों में गाजा में सुरंग शाफ्ट, रॉकेट लांचर और अन्य आतंकवादी बुनियादी ढांचे को निशाना बनाकर लगभग 250 हवाई हमले किए हैं. गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा है कि युद्ध में 7,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं. इसमें एक अस्पताल का विवादित आंकड़ा शामिल है, जिसमें हमास के प्रतिद्वंद्वी दावों के साथ इजरायल पर हवाई हमले का आरोप लगाया गया है. तीन सप्ताह का यह आंकड़ा फिलिस्तीनी स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा जारी किया गया है. यह आंकड़ा 2014 में छह सप्ताह तक चले गाजा युद्ध में मारे गए फिलिस्तीनियों की संख्या से तीन गुना अधिक है.

मंत्रालय के मृतकों में 2,700 से अधिक नाबालिग और 1,500 से अधिक महिलाएं शामिल हैं. इज़रायली सरकार के अनुसार, लड़ाई में इज़रायल में 1,400 से अधिक लोग मारे गए हैं, जिनमें से ज्यादातर नागरिक हमास के शुरुआती हमले के दौरान मारे गए थे. हमास ने गाजा में भी कम से कम 224 लोगों को बंधक बना रखा है. इजरायल ने सहायता के साथ 60 ट्रकों को मिस्र की सीमा राफा से प्रवेश करने की अनुमति दी है, जो सहायता कार्यकर्ताओं को युद्ध शुरू होने से पहले लाए जा रहे ट्रकों की तुलना में अपर्याप्त लगता ह इजराइल ने गाजा के अस्पतालों में चलने वाले जनरेटरों के लिए ईंधन की आपूर्ति पर प्रतिबंध लगा दिया है.