'Polio Paul' Dies: सात फुट लंबे लोहे के फेफड़े के अंदर 70 साल बिताने वाले शख्स 'पोलियो पॉल' की हुई मौत
'Polio Paul' Dies | X @kakape

पोलियो के साथ 70 सालों तक संघर्ष करने वाले पॉल अलेक्जेंडर (Paul Alexander) अब इस दुनिया को अलविदा कह चुके हैं. अमेरिका के रहने वाले एक पॉल अलेक्जेंडर ने पोलियो के साथ 70 सालों तक दर्दभरा जीवन बिताया. अब उन्हें अपने संघर्ष भरी जिंदगी से छुटकारा मिल गया है. पोलियो पॉल के नाम से प्रसिद्ध इस व्यक्ति की मौत हो गई है. वो एक मशीन के भरोसे जिंदा थे, जिसे आयरन लंग्स कहते हैं. आसान भाषा में आप समझ सकते हैं कि उसके सीने में इंसानी फेफड़े नहीं थे. वे लोहे के फेफड़ों से सांस लेते थे.

वह व्यक्ति जिसने 70 वर्ष लोहे के फेफड़े के अंदर बिताए, 78 वर्ष की आयु में मृत्यु हो गई. साल 2023 में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने उन्हें आयरन लंग में सबसे लंबे समय तक रहने वाला मरीज घोषित किया था. उनकी मृत्यु की घोषणा मंगलवार (12 मार्च) को उनके GoFundMe पेज पर की गई."

उन्हें 6 साल की उम्र में साल 1952 में पोलियो हो गया था. 1952 में अमेरिका में इतिहास का सबसे बड़ा पोलियो आउटब्रेक हुआ था. बीमारी तेजी से फैल रही थी. कम से कम 58,000 मामले सामने आए. पीड़ितों में अधिकतर बच्चे शामिल थे. इसी दौर में पॉल को भी पोलियो हो गया. इससे उनका शरीर लक्वाग्रस्त हो गया. गर्दन के नीचे का हिस्सा काम नहीं कर रहा था. बाद में सांस लेने में भी दिक्कत होने लगी.

बीमारी से जंग लड़ने के लिए उन्हें आयरन लंग मशीन में रखा गया. इसी मशीन के सहारे पॉल ने अपना हाई स्कूल पास किया, कॉलेज से ग्रेजुएशन की, वकालत में डिग्री हासिल की, दशकों तक वकालत की और एक बायोग्राफी भी लिखी.

इस मशीन का आविष्कार 1928 में हुआ था. तकनीक के विकसित होने के चलते 60 के दशक के बाद ये बननी बंद हो गईं. वर्तमान में पॉल इसमें रहने वाले दुनिया के इकलौते इंसान थे. दरअसल तकनीक विकसित हो गई थी लेकिन पॉल ने इसी मशीन को नहीं छोड़ना चाहते थे.