तेहरान, 28 नवंबर: ईरान के शीर्ष परमाणु वैज्ञानिक मोहसिन फखरीजादेह (Mohsen Fakhrizadeh) की राजधानी तेहरान के पास हत्या कर दी गई है. देश के रक्षा मंत्रालय ने इस बात की पुष्टि की है. बीबीसी के मुताबिक, दमावंद काउंटी के अबसार्ड में एक हमले के बाद फखरीजादेह की अस्पताल में मौत हो गई. ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ (Mohammad Javad Zarif) ने फखरीजादेह की हत्या की निंदा करते हुए इसे 'स्टेट प्रायोजित आतंक की घटना' बताया.
पश्चिमी खुफिया एजेंसियों का मानना है कि गुप्त ईरानी परमाणु हथियार कार्यक्रम के पीछे फखरीजादेह एक था. एक पश्चिमी राजनयिक ने 2014 में मीडिया को बताया था, "अगर ईरान ने कभी हथियार (संवर्धन) को चुना, तो फखरीजादेह को ईरानी परमाणु बम के पिता के रूप में जाना जाएगा." ईरान जोर देकर अपने परमाणु कार्यक्रम को शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए बताता आया है.
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लेकिन देश के उत्पादन में समृद्ध यूरेनियम की बढ़ती मात्रा के बारे में ताजा चिंता के बीच हत्या की खबर आई है. सिविल परमाणु ऊर्जा उत्पादन और सैन्य परमाणु हथियार दोनों के लिए समृद्ध यूरेनियम एक महत्वपूर्ण घटक है. छह विश्व शक्तियों के साथ 2015 के एक समझौते ने इसके उत्पादन पर सीमाएं लगा दी थीं, लेकिन जब से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2018 में इस सौदे को छोड़ दिया, ईरान जानबूझकर यूरेनियम संवर्धन पर जोर देता रहा है.
जनवरी में अमेरिकी राष्ट्रपति पद संभालने के बाद, जो बाइडन ने ईरान के साथ फिर से जुड़ने का वादा किया है. 2010 और 2012 के बीच, चार ईरानी परमाणु वैज्ञानिकों की हत्या कर दी गई और ईरान ने हत्याओं में इजरायल पर मिलीभगत का आरोप लगाया. मई 2018 में ईरान के परमाणु कार्यक्रम के बारे में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की प्रस्तुति में फखरीजादेह का नाम विशेष रूप से उल्लेख किया गया था.
हत्या की खबर पर इजरायल की ओर से कोई टिप्पणी नहीं की गई है. मीडिया के अनुसार पेंटागन ने भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है. शुक्रवार को एक बयान में, ईरान के रक्षा मंत्रालय ने कहा, "हथियारबंद आतंकवादियों ने रक्षा मंत्रालय के शोध और नवाचार संगठन के प्रमुख मोहसिन फखरीजादेह को ले जा रही कार को निशाना बनाया."
मंत्रालय के मुताबिक आतंकवादियों और फखरीजादेह के अंगरक्षकों के बीच हुई झड़प में वो बुरी तरह घायल हो गए और उन्हें स्थानीय अस्पताल ले जाया गया लेकिन दुर्भाग्य से उन्हें मेडिकल टीम द्वारा नहीं बचाया जा सका. ईरान की समाचार एजेंसी फारस के मुताबिक, चश्मदीदों ने पहले धमाके और फिर मशीनगन से फायरिंग की आवाज सुनी थी. एजेंसी के अनुसार चश्मदीदों ने तीन-चार चरमपंथियों के भी मारे जाने की बात कही है.