एक तरफ जहां सीरिया हमले के बाद ईरान और इजरायल में तनाव चरम पर है. वहीं दूसरी तरफ अल-अरबिया की रिपोर्ट के अनुसार, ईरानी बलों ने हॉर्मुज जलडमरूमध्य में पुर्तगाली जहाज MSC ARIES को रोक लिया है. इस घटना से क्षेत्र में तनाव और अधिक बढ़ने की आशंका है.
ईरान की नौसेना बलों ने होर्मुज जलडमरूमध्य में पुर्तगाली-इजरायल के स्वामित्व वाले जहाज "एमएससी एरीज़" को जब्त कर लिया है. जहाज पर विशेष बलों के उतरने के बाद, जहाज को ईरानी क्षेत्रीय जल में पुनर्निर्देशित किया गया है.
हॉर्मुज जलडमरूमध्य एक महत्वपूर्ण समुद्री मार्ग है जिसके माध्यम से दुनिया के एक तिहाई से अधिक तेल का परिवहन होता है. इस जलडमरूमध्य पर ईरान का आंशिक नियंत्रण है. हाल के वर्षों में, ईरान और पश्चिमी देशों के बीच तनाव के कारण इस क्षेत्र में कई घटनाएं हुई हैं, जिसमें जहाजों को जब्त करना और सैन्य गतिविधियाँ शामिल हैं.
BREAKING: Footage of Iranian forces boarding MSC ARIES container ship pic.twitter.com/qmgPuscEtb
— The Spectator Index (@spectatorindex) April 13, 2024
इस घटना के पीछे का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं है. कुछ रिपोर्टों में दावा किया गया है कि ईरानी बलों ने जहाज को पर्यावरणीय उल्लंघन के कारण रोका है, जबकि अन्य रिपोर्टों में कहा गया है कि यह ईरान द्वारा पश्चिमी देशों पर दबाव बनाने का एक प्रयास हो सकता है.
BREAKING: Al-Arabiya reports that Iranian forces have captured the Portuguese vessel MSC ARIES in the Strait of Hormuz
— The Spectator Index (@spectatorindex) April 13, 2024
इस घटना से अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में चिंता बढ़ गई है. कई देशों ने इस घटना की निंदा की है और ईरान से जहाज और उसके चालक दल को तुरंत रिहा करने का आग्रह किया है.
इस घटना का वैश्विक तेल बाजार पर भी असर पड़ सकता है. हॉर्मुज जलडमरूमध्य से तेल की आपूर्ति बाधित होने से तेल की कीमतों में वृद्धि हो सकती है. अंतर्राष्ट्रीय समुदाय इस स्थिति पर करीब से नजर रख रहा है और स्थिति को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने के लिए कूटनीतिक प्रयास जारी हैं.
इस घटना से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- हॉर्मुज जलडमरूमध्य एक महत्वपूर्ण समुद्री मार्ग है जिसके माध्यम से दुनिया के एक तिहाई से अधिक तेल का परिवहन होता है.
- ईरान और पश्चिमी देशों के बीच तनाव के कारण इस क्षेत्र में पहले भी कई घटनाएं हुई हैं.
- इस घटना से अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में चिंता बढ़ गई है और वैश्विक तेल बाजार पर असर पड़ सकता है.