नई दिल्ली: किसी भी देश के लिए डिफेन्स सेक्टर बेहद अहम होता है. भारत भी अपनी मजबूत सैन्य ताकत की बदौलत वैश्विक ताकत के रूप में तेजी से उभर रहा है. इसी का नतीजा है कि भारत अब सेना पर सबसे ज्यादा खर्च करने वाले टॉप पांच देशों की सूची में शामिल हो गया है. भारत ने थल, जल और वायु सेनाओं को आधुनिक बनाने हेतु देश के कुल बजट का 2.05 फीसदी रक्षा बजट में लगाया है.
स्वीडन के स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिपरी) के अनुसार वर्ष 2017 में अंतर्राष्ट्रीय रक्षा खर्च 17 खरब 30 अरब डालर तक रहा जो 2016 के मुकाबले में 1.1 प्रतिशत ज्यादा था. रक्षा थिंक टैंक ने कहा कि इसके आंकड़ों में वेतन, संचालन के लिए लागत, हथियारों और उपकरणों की खरीद के साथ-साथ अनुसंधान और विकास को शामिल किया गया है.
सिपरी की रिपोर्ट के अनुसार, सेना पर सबसे ज्यादा खर्च करने वाले टॉप पांच देश इस प्रकार हैं-
अमेरिका: विश्व में डिफेन्स सेक्टर पर सबसे ज्यादा खर्चा अमेरिका करता है. रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका ने 6 खरब 10 अरब डालर अपने डिफेन्स सिस्टम को मजबूत करने के लिए खर्च किए जो कि कुल अंतर्राष्ट्रीय रक्षा खर्चे का 35 प्रतिशत है.
चीन: रक्षा बजट में खर्चे के मामलें में अमेरिका के बाद दूसरा नाम भारत के पड़ोसी देश चीन का आता है. डिफेन्स सेक्टर पर 2 खरब 28 अरब डालर खर्च किए और 2016 के मुकाबले में अपने ख़र्चों में 12 अरब डालर की वृद्धि की है. चीन का रक्षा बजट- 2018 भारत के मुकाबले तीन गुना ज्यादा है. चीन का रक्षा बजट 2017 में देश के जीडीपी का सात फीसदी था.
सऊदी अरब: तेल का उत्पादन करने वाला देश सऊदी अरब रक्षा सेक्टर पर खर्च करने में तीसरे क्रम पर है. सऊदी अरब ने रूस को पीछे छोड़ दिया जिसने पिछले वर्ष रक्षा खर्चो पर 69 अरब 40 करोड़ डालर खर्च किए थे.
रूस: सिपरी के अनुसार इस सूची में सिर्फ रूस ही ऐसा देश है जिन्होंने अपने रक्षा खर्चो को कम किया है. 1998 के बाद रूस ने पहली बार खर्चों में 20 प्रतिशत तक कमी की है और डिफेन्स सेक्टर पर 66 अरब 30 करोड़ डालर खर्च किए.
भारत: फ्रांस को पीछे छोड़कर भारत ने इस सूची पांचवें स्थान पर जगह बनाई है जिसने रक्षा खर्चों पर 64 अरब डालर खर्च किए. बता दें कि 2016 की तुलना में भारत ने एक साल में सैन्य खर्च में 5.5 बढ़ोतरी हुई है. रक्षा बजट 2018-19 में भी भारत ने करीब 6 फीसदी की बढ़ोतरी कर कुल 2,95,511 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है.