वाशिंगटन: भारत और अमेरिका (India-US) रणनीतिक रूप से अहम भारत-प्रशांत क्षेत्र में स्वच्छ एवं पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा के लिए एक नई पहल शुरू करेंगे. पहल का उद्देश्य इस क्षेत्र में आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देना है. अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने यह जानकारी दी. भारत-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते दबदबे के मद्देनजर अमेरिका इस क्षेत्र में भारत की व्यापक भूमिका चाहता है.
एक आधिकारिक बयान में मंगलवार को कहा गया कि अमेरिका के ऊर्जा संसाधन विभाग के सहायक सचिव फ्रांसिस आर फेनन 30 सितंबर से 6 अक्टूबर तक भारत की यात्रा पर हैं. इस दौरान, दोनों देश अमेरिका-भारत स्वच्छ ऊर्जा कोष कार्यबल के तहत फ्लेक्सिबल रिसोर्स इनिशिएटिव की शुरुआत करेंगे.
इस संबंध में फेनन, ऊर्जा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों और निजी क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करेंगे. विदेश मंत्रालय ने कहा, "यह पहल भारत-प्रशांत क्षेत्र की आर्थिक वृद्धि को स्वच्छ ऊर्जा के जरिए बढ़ावा देने के अमेरिका और भारत के साझा विचार को अमल में लाएगी." यह पहल अमेरिका की अगुवाई वाली एशिया एडज (ऊर्जा के माध्यम से वृद्धि और विकास को बढ़ाना) पहल का हिस्सा है.
फेनन के साथ संघीय ऊर्जा विनियामक आयोग, अमेरिका के ऊर्जा विभाग और अंतरराष्ट्रीय विकास के लिए अमेरिकी एजेंसी के प्रतिनिधि इसमें शामिल होंगे. भारत की ओर से ऊर्जा मंत्रालय, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, केंद्रीय विद्युत विनियामक आयोग, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस विनियामक बोर्ड इस बैठक की मेजबानी करेंगे.
विदेश मंत्रालय ने कहा, "भारत और अमेरिका दोनों भारत के लिए राष्ट्रीय बिजली प्रणाली की दिशा में साथ काम करके भारत की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करेंगे. यह स्थिर, विश्वसनीय और फिकायती होगी." यह पहल प्राकृतिक गैस एवं बैटरी जैसे संसाधनों के लिए नए निवेश के अवसर मुहैया कराएगी. यह लचीले (जरूरत के अनुसार आपूर्ति) संसाधनों को अपनाने के साथ-साथ उसके व्यापार को बढ़ाने तथा नियामकीय और नीतिगत व्यवस्था की सुविधा देगा.