इस्लामाबाद: पाकिस्तान (Pakistan) में हिंदू अल्पसंख्यकों को निशाना बनाये जाने का सिलसिला बदस्तूर जारी है. ताजा मामला पाकिस्तान के सिंध प्रांत से सामने आया है जहां ईशनिंदा (Blasphemy) के आरोप में एक हिंदू डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया गया. डॉक्टर के खिलाफ एक मौलवी ने शुकायत की थी की पवित्र कुरान के पन्नों को फाड़कर उसमें दवा लपेटकर दें रहा है. यह खबर इलाके में जंगल की आग की तरह फ़ैल गई और उग्र प्रदर्शन शुरू हो गया.
मिली जानकारी के मुताबिक आरोपी रमेश कुमार पशु चिकित्सक है. उसे एक मस्जिद के प्रमुख मौलवी की शिकायत के बाद सोमवार को ईशनिंदा के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया. इस घटना के बाद मीरपुरखास में फुलाडयन नगर में हिंसा फ़ैल गई और अल्पसंख्यक हिंदुओं को निशाना बनाया गया. आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने हिंदुओं की दुकानों में आग लगा दी और टायरों को जलाकर सड़कों को ब्लाक कर दिया.
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस हिंसा को लेकर मामला दर्ज किया गया है और इस कृत्य में शामिल लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा है कि जिले के अल्पसंख्यकों की रक्षा की जाएगी. फिलहाल आरोपी डॉक्टर को सुरक्षित ठिकाने पर रखा गया है.
Tense situation in Phuladiyoon town of Mirpurkhas as a Hindu doctor was booked over alleged #blasphemy charges. He's being accused of burning the Quran. The mob attacked and set fire to the local shops of Hindus in the area. pic.twitter.com/W5o5ToD7Jz
— Naila Inayat नायला इनायत (@nailainayat) May 27, 2019
स्थानीय मस्जिद के मौलवी इशाक नोहरी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया कि डॉक्टर ने पवित्र पुस्तक के पन्ने फाड़कर उसमें उन्हें दवा लपेटकर दी थी. जिसके आधार पर पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत डॉक्टर के खिलाफ एक मामला दर्ज कर लिया. अगर आरोप सही साबित हुए तो डॉक्टर को तीन महीने से लेकर उम्रकैद तक की जेल हो सकती है.
आपको याद दिला दें कि कुछ समय पहले ईसाई महिला आसिया बीबी पर इस्लाम के अपमान का आरोप लगने के बाद पाकिस्तान में खूब बवाल हुआ था. हालांकि पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने अपने ऐतिहासिक फैसले में ईशनिंदा की दोषी आसिया बीबी की फांसी की सजा को पलटते हुए बरी कर दिया था. दरअसल, अपने पड़ोसियों के साथ विवाद के दौरान इस्लाम का अपमान करने के आरोप में साल 2010 में चार बच्चों की मां आसिया बीबी को दोषी करार दिया गया था. आसिया बीबी ने करीब 8 वर्ष जेल में बिताए. बता दें कि आसिया बीबी पहली महिला हैं जिन्हें ईशनिंदा कानून के तहत मौत की सजा दी गई थी. पाकिस्तान की जेल से निकालने के बाद वह अब कनाडा में रहती है.