मुम्बई 2008 आतंकवादी हमलों के मास्टरमाइंड तथा कुख्यात आतंकवादी हाफिज सईद को पाकिस्तान की अदालत द्वारा सजा सुनाने के फैसले का अमेरिका ने स्वागत करते हुए कहा कि लश्कर ए-तैयबा की जवाबदेही तय करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है. पाकिस्तान की एक आतंकवाद निरोधक अदालत ने आतंकवाद के लिए धन मुहैया कराने के दो मामलों में हाफिज सईद को बुधवार को साढ़े पांच साल- साढ़े पांच साल कैद और दोनों मामलों में 15-15 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनायी थी. दक्षिण एवं मध्य एशिया मामलों की कार्यवाहक सहायक विदेश मंत्री एलिस जी. वेल्स ने कहा, ‘‘ आज, हाफिज और उसके साथियों को दोषी ठहराया जाना, लश्कर ए-तैयबा की उसके अपराधों के लिए जवाबदेही तय करने और पाकिस्तान की आतंकवादी वित्तपोषण से निपटने की अपनी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.’’
वेल्स ने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा था कि यह देश के भविष्य के हित में है कि वह अपनी सरजमीं का इस्तेमाल देश विरोधी तत्वों को नहीं करने दें. आतंकवाद निरोधक अदालत ने आतंकवाद को धन मुहैया कराने के मामलों की रोजाना सुनवाई करते हुए 11 दिसम्बर को सईद एवं उसके एक सहयोगी को दोषी करार दिया था.
अदालत ने बुधवार को दोनों मामलों में सईद को साढ़े पांच साल- साढ़े पांच साल कैद की सजा सुनायी और दोनों मामलों में 15-15 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया. दोनों मामलों में सजा साथ साथ चलेंगी. पंजाब पुलिस के आतंकवाद विरोधी विभाग के आवेदन पर सईद के खिलाफ लाहौर और गुजरांवाला शहर में मामला दर्ज किया गया था.