Moderna Vaccine: रिसर्च में दावा, मॉडर्ना वैक्सीन लेने वाले लोग कम कोरोना संक्रमित हुए
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न्यूयार्क, 21 जनवरी: अमेरिकी शोधकर्ताओं ने पता लगाया है कि जिन लोगों ने माडॅर्ना कंपनी की कोरोना (Covid) वैक्सीन (Moderna Vaccine) लगवाई थी, अन्य कंपनियों की वैक्सीन की तुलना में उनमें अस्पताल में भर्ती होने का खतरा कम देखा गया है. 29 जून को देश में मॉडर्ना वैक्सीन को मंजूरी मिली  थी. सरकार ने भारतीय फार्मा कंपनी Cipla को इस वैक्सीन को इम्पोर्ट करने का लाइसेंस दिया है. Co-WIN पर एक मोबाइल नंबर से अब हो सकेगा 6 सदस्यों का रजिस्ट्रेशन

जर्नल ऑफ अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन (Journal of American Medical Association) में प्रकाशित इन नतीजों में कहा गया है कि मॉडर्ना वैक्सीन लेने वाले लोगों में फाइजर -बायोटेक एमआरएनए वैक्सीन लेने की तुलना में अस्पताल में भर्ती होने का खतरा कम देखा गया है.

वेस्टर्न रिजर्व यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता रोंग शू ने बताया कि मॉडर्ना की एमआरएनए वैक्सीन और फाइजर की एमआरएनए वैक्सीन लेने वाले मरीजों में कोविड संक्रमण, उनमें अस्पताल में भर्ती होने का जोखिम और मौत होने के आंकड़ों की तुलना की गई तो मॉडर्ना वैक्सीन अधिक प्रभावी पाई गई है. इसे चिकित्सा भाषा में " वैक्सीन ब्रेकथ्रू इंफेक्शन " कहा जाता है और यह अवस्था तब देखी जाती है जब किसी भी व्यक्ति को एमआरएनए वैक्सीन के दोनों डोज लग चुके होते हैं.

शोधकर्ताओं ने "वैक्सीन ब्रेकथ्रू इंफेक्शन" का अध्ययन करते हुए ऐसे 637,000 से अधिक पूर्ण वैक्सीन लगवा चुके मरीजों के इलेक्ट्रानिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड की जांच के बाद से निष्कर्ष निकाले हैं. इसमें उन लोगों को भी शामिल किया गया था, जिनमें किसी को पहले कोविड संक्रमण नहीं हुआ था और जिन्हें बूस्टर डोज लग चुकी थी.

इस शोध में पाया गया है कि जिन्होंने फाइजर बायोएनटेक की वैक्सीन ली थी उनमें मॉडर्ना वैक्सीन लेने वालों की तुलना में प्रतिमाह ऐसे मामलों की संख्या अधिक देखी गई थी. हालांकि दोनों कंपनियों की वैक्सीन लेने वाले लोगों की मौत के आंकड़ों में कोई खास अंतर नहीं देखा गया है.