नई दिल्ली: कोरोना महामारी को लेकर पूरी दुनिया परेशान हैं. सभी देशों में अब तक कोरोना के मामले रुकने की अपेक्षा हर दिन बढ़ते ही जा रहे हैं. यही वजह है कि देश में अब तक कोरोना संक्रमितों की संख्या 3 करोड़ के पार पहुंच चुकी हैं. वहीं साढ़े नौ लाख से ज्यादा लोगों की इस महामारी से अब तक तक जान जा चुकी हैं. हालांकि इस बीच रूस से अच्छी खबर है कि इस देश ने कोरोना की पहली दवा R-Pharm की एंटी-वायरल दवा ‘कोरोनाविर’ (Coronavir) को फार्मेसी की दुकानों में बेचने के लिए अगले हफ्ते से इजाजत दे दी हैं. जो इस दवा को कोरोना से संक्रमित हल्के और मध्यम लक्षण वाले मरीज डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन दिखाकर खरीद सकेंगे.
वहीं इसके पहले रूस में कोरोना के इलाज के लिए Avifavir नाम की दवा को मई महीने में मंजूरी दी जा चुकी है. यह दोनों दवाएं favipiravir पर आधारित हैं. जो जापान में कोरोना वायरल ट्रीटमेंट के दौरान मरीज को दी जाती है. आर. फार्म की तरफ से कहा गया है कि इस दवा को क्लिनिकल ट्रायल के तीसरे चरण के बाद मंजूरी मिली है. जिसमें 168 कोरोना संक्रमित मरीज शामिल हुए थे. जुलाई में इसे अस्पताल में इलाज के लिए अप्रूवल मिला था. यह भी पढ़े: COVID-19 Vaccine For Animals: रूस अक्टूबर में शुरू करेगा बिल्लियों, मिंक और कुत्तों के लिए प्रायोगिक एंटी-कोरोना वायरस दवा का उत्पादन
कोरोनाविर की दवा बेचने की इजाजत मिलने के बाद R-Pharm ने फर्मा कंपनियों से ऑर्डर को लेकर बातचीत शुरू कर दी है. वहीं कंपनी के प्रवक्ता ने शुक्रवार मीडिया के बातचीत में कहा कि कोविड 19 की दवा की आपूर्ति निकट भविष्य में घट सकती है. लेकिन लोगों की जान बचाने के लिए बाजार में दवा उतारा जाना आवश्यक है.
बता दें कि रूस ने पहले ही कोविड-19 वैक्सीन बनाने का दावा कर लिया था और वैक्सीन का नाम Sputnik-V दिया है. हालांकि कुछ देशों ने उसके इस दवा को लेकर सवाल भी उठाया था. लेकिन रूस लगातर कोरोना की दवा की खोज में लगा रहा. यही वजह है कि उसे एक के बाद एक सफलता मिल रही हैं. हालांकि दूसरे देश भी कोरोना वैक्सीन के ट्रायल में लगे हुए हैं.