PM Modi China Visit : चीन के तियानजिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के 25वें शिखर सम्मेलन में विश्व नेताओं का जमावड़ा हो रहा है. इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी तियानजिन पहुंचे हैं. एससीओ शिखर सम्मेलन से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच अनौपचारिक और हल्के-फुल्के अंदाज में हुई बातचीत का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. यह मुलाकात सम्मेलन के औपचारिक सत्र से पहले हुई थी. इस वीडियो ने वैश्विक स्तर पर लोगों का ध्यान खींचा है, और सभी यह जानने को उत्सुक हैं कि इन तीनों नेताओं के बीच क्या बातचीत हुई.
SCO शिखर सम्मेलन के पूर्ण सत्र को संबोधित करेंगे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी आज एससीओ शिखर सम्मेलन के पूर्ण सत्र को संबोधित करेंगे, जहां वे क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए भारत के दृष्टिकोण को प्रस्तुत करेंगे. विदेश सचिव विक्रम मिश्री ने तियानजिन में एक विशेष ब्रीफिंग के दौरान पुष्टि की कि सत्र के बाद पीएम मोदी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे. मिश्री ने कहा, "प्रधानमंत्री सम्मेलन में भारत की क्षेत्रीय सहयोग की नीति को रेखांकित करेंगे. इसके बाद वह राष्ट्रपति पुतिन के साथ मुलाकात करेंगे और फिर भारत के लिए रवाना होंगे. यह भी पढ़े: PM Modi China Visit: पीएम मोदी की यात्रा से चीन में मौजूद भारतीय खुश, कहा- एससीओ से जाएगा संदेश, अमेरिका के हिसाब से नहीं चलेगी दुनिया
मुलाकात का देखें वीडियो
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi, Chinese President Xi Jinping, Russian President Vladimir Putin, and other Heads of States/Heads of Governments pose for a group photograph at the Shanghai Cooperation Council (SCO) Summit in Tianjin, China.
(Source: DD News) pic.twitter.com/UftzXy6g3K
— ANI (@ANI) September 1, 2025
मोदी-शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय वार्ता
रविवार को, पीएम मोदी ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय वार्ता की, जिसमें पाकिस्तान से उत्पन्न होने वाले सीमा पार आतंकवाद सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई. यह बैठक भारत-चीन संबंधों को फिर से मजबूत करने पर केंद्रित थी, जो पूर्वी लद्दाख में चार साल से अधिक समय तक चले सैन्य गतिरोध के बाद तनावपूर्ण हो गए थे। यह गतिरोध पिछले साल अक्टूबर में समाप्त हुआ था.
विदेश सचिव विक्रम मिश्री का बयान
मिश्री ने कहा, "प्रधानमंत्री ने सीमा पार आतंकवाद को प्राथमिकता के रूप में उल्लेख किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह एक ऐसा मुद्दा है जो भारत और चीन दोनों को प्रभावित करता है।" उन्होंने आगे कहा, "हमें इस बात की प्रसन्नता है कि एससीओ शिखर सम्मेलन के संदर्भ में सीमा पार आतंकवाद से निपटने में हमें चीन का समझ और सहयोग प्राप्त हुआ है.
शिखर सम्मेलन का उद्देश्य
यह शिखर सम्मेलन वैश्विक व्यापार तनावों के बीच हो रहा है, विशेष रूप से अमेरिका द्वारा भारत और अन्य देशों पर लगाए गए टैरिफ के कारण. इस मंच पर भारत, चीन और रूस जैसे देशों की एकजुटता वैश्विक राजनीति में एक नए बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था की ओर इशारा करती है. एससीओ का यह मंच क्षेत्रीय सुरक्षा, आर्थिक सहयोग और आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है.













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