पूरी दुनिया कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) से जूझ रही है. ऐसे में अमेरिका (United States) और चीन (China) के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है. कोरोना वायरस को लेकर अमेरिका और चीन में तनातनी बढ़ती जा रही है. इसी कड़ी में बीजिंग ने मंगलवार डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए आरोपों पर आपत्ति जताते हुए कहा कि अमेरिका अपनी असफलताओं को छिपाने के लिए आरोप लगा रहा है. चीन ने डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) पर आरोप लगाते हुए कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने धमकी देने के बाद बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रति अमेरिकी जिम्मेदारियों से किनारा कर लिया.
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को आगाह किया है कि वह अगले 30 दिन में यह प्रदर्शित करे कि वह चीन से प्रभावित नहीं हैं. ऐसा नहीं करने पर ट्रंप ने इस संगठन में अमेरिका की सदस्यता के बारे में पुनः विचार करने और संगठन को दी जाने वाली आर्थिक सहायता को "स्थायी रुप" से रोकने की चेतावनी दी है. ट्रंप ने 14 अप्रैल को डब्ल्यूएचओ को सालाना दी जाने वाली 50 करोड़ डॉलर तक की सहायता रोक दी. यह भी पढ़ें- चीन में फिर पांव पसार रहा है कोरोना, 23 नये मामले आये सामने, वुहान में सात केस.
ट्रंप ने डब्ल्यूएचओ पर आरोप लगाया है कि वुहान में पहली बार सामने आने के बाद कोरोना वायरस के प्रसार के उसके प्रबंधन में खामी है और उसके कथित कुप्रबंध और कथित रूप से उसे ढकने में "संगठन की भूमिका का पता लगाने के लिए समीक्षा की जा रही है."
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार इस बात का आरोप लगा रहे हैं कि डब्ल्यूएचओ ने कोरोना वायरस (Coronavirus) के मामले में घोर लापरवाही बरती है और पूरी तरह से चीन (China) का पक्ष लिया है, इस वजह से दुनिया को आज यह दिन देखना पड़ रहा है. राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा डब्ल्यूएचओ को लिखे गए पत्र में बोला गया है कि साल 2019 के दिसंबर महीने में वुहान से कोरोना वायरस को लेकर जो भी रिपोर्ट्स आईं उनको नजरअंदाज किया गया है.