भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने पाकिस्तान द्वारा भारतीय आतंकवादी गतिविधियों में समर्थन की भूमिका को लेकर एक विस्तृत डॉसियर तैयार किया है. इस डॉसियर में जम्मू और कश्मीर क्षेत्र में हुए हालिया आतंकवादी हमलों के अलावा 26/11 मुंबई हमले से लेकर कई अन्य बड़े आतंकी हमलों का जिक्र किया गया है. यह डॉसियर पाकिस्तान द्वारा भारतीय क्षेत्र में आतंकवाद फैलाने का बखूबी खुलासा करता है और भारत के लिए सुरक्षा चिंताओं का गंभीर मुद्दा बन गया है.
भारत और पाकिस्तान के क्रिकेट विवाद का संबंध आतंकवाद से
इस डॉसियर का खुलासा पाकिस्तान में 2024 में होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी के आयोजन से ठीक पहले हुआ है, जिस पर भारत के क्रिकेट बोर्ड (BCCI) ने भारत की टीम को पाकिस्तान न भेजने का फैसला लिया है. BCCI का कहना है कि सुरक्षा कारणों से भारतीय टीम पाकिस्तान नहीं जाएगी, जबकि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने मैचों के स्थल बदलने या एक हाइब्रिड मॉडल की संभावना से इंकार किया है.
पाकिस्तान के आतंकवादी हमलों का सिलसिला
डॉसियर में भारत में हुए प्रमुख आतंकवादी हमलों का विवरण भी है, जिनमें 2013 हैदराबाद विस्फोट, 2015 गुरदासपुर और उधमपुर हमले, 2016 उरी और नागरोटा हमले, 2019 पठानकोट एयरबेस हमला, 2021 जम्मू ड्रोन हमला, और 2024 रीासी हमले का उल्लेख किया गया है. इनमें से कई हमले पाकिस्तानी आतंकवादी संगठनों ने किए थे, और इन हमलों में पाकिस्तान से जुड़े आतंकवादियों का हाथ था.
पाकिस्तान द्वारा आतंकवादियों को दी जा रही सहायता
डॉसियर में यह भी बताया गया है कि पाकिस्तान सरकार आतंकवादियों को सक्रिय रूप से सहायता प्रदान करती है. पाकिस्तान के आतंकवादियों को भारतीय सुरक्षा बलों ने मार गिराया, लेकिन उनके पास पाकिस्तान के नेशनल आइडेंटिटी कार्ड्स (CNIC) और नेशनल डाटा रजिस्ट्रेशन के कार्ड (Nadra cards) पाए गए. साथ ही पाकिस्तान के मंत्रालयों से इन आतंकवादियों को मदद मिल रही थी, जो आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए जिम्मेदार थे.
नए हथियारों की बरामदगी और आतंकवादियों के नेटवर्क का खुलासा
2024 में भारतीय सुरक्षा बलों ने पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवादियों से AK-47, M4 राइफल्स, स्टेयर ऑग राइफल्स, पिस्टल, IEDs, और हैंड ग्रेनेड जैसे हथियार बरामद किए हैं. इसके अलावा, पाकिस्तानी निर्मित माइक्रो VHF रेडियो सेट और मोबाइल फोन भी आतंकवादियों से बरामद किए गए, जो पाकिस्तान के रक्षा बलों द्वारा इस्तेमाल किए जाते हैं.
यह डॉसियर पाकिस्तान के आतंकवाद को वैश्विक स्तर पर उजागर करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है. भारत ने इस डॉसियर के माध्यम से यह साबित किया है कि पाकिस्तान न केवल आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देता है, बल्कि अपने सैनिकों और सुरक्षा बलों के माध्यम से इन आतंकवादियों को समर्थन भी प्रदान करता है. यह मामला भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में एक और चुनौती के रूप में उभर कर सामने आया है.