बलूचिस्तान की आजादी की लड़ाई के बड़े नेता ने डाले हथियार
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

पाकिस्तान के उत्तर पश्चिम में अलग देश बनाने के लिए संघर्ष कर रहे सबसे बड़े गुट के नेता ने दशकों से जारी आजादी की लड़ाई से अलग होकर आत्मसमर्पण कर दिया.बलूचिस्तान में आजादी की लड़ाई लड़ रहे सफराज बनगुलजई उर्फ मुरीद बलोच ने आत्मसमर्पण कर दिया है. बुधवार को क्वेटा में वह मीडिया के सामने आए और ऐलान किया कि वह आजादी की लड़ाई छोड़ रहे हैं और अपने 70 समर्थकों के साथ आत्मसमर्पण कर रहे हैं.

बनगुलजई ने पत्रकारों से कहा कि उन्होंने और बालोच नेशनल आर्मीने पाकिस्तानी फौजों के खिलाफ जो घातक हमले किए उनका उन्हें अफसोस है. बीएनए को पाकिस्तानी सरकार ने प्रतिबंधित किया हुआ है.

बड़ी कामयाबी

पाकिस्तान की सरकार के लिए इसे एक बड़ी कामयाबी के तौर पर देखा जा रहा है जो सालों से उत्तर पश्चिमी पाकिस्तान में विद्रोह का सामना कर रही है. इस विद्रोह में कई संगठन शामिल हैं जो देश के अन्य हिस्सों में भी सक्रिय हैं.

इसी साल पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी आईएसआई ने बीएनए के एक अन्य बड़े नेता गुलजार इमाम को गिरफ्तार किया था. शैंबे के नाम से चर्चित रहे ईमाम ने ही बीएनए की स्थापना की थी.

सरकार द्वारा आयोजित प्रेस वार्ता में बनगुलजई ने कहा कि वह फिरौती के लिए लोगों को अगवा करने और निहत्थे लोगों को कत्ल करने पर पछता रहे हैं. हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया गया कि उन्हें हिरासत में लिया गया है या नहीं और उन पर कोई मुकदमा चलेगा या नहीं. उन्होंने यह जरूर कहा कि हथियार डालने का फैसला उन्होंने अधिकारियों से बातचीत के बाद ही किया है. लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि उन्हें और उनके साथ समर्पण करने वालों को किसी तरह की माफी मिलेगी या उन्हें मुकदमे का सामना करना होगा.

भारत पर आरोप

बनगुलजई ने कहा कि आत्मसमर्पण का फैसला उन्होंने तब किया जब उन्हें पता चला कि उनका संगठन बीएनए विदेश से धन पा रहा है और उसे पड़ोसी भारत का समर्थन मिल रहा है. हालांकि इन दावों के लिए उन्होंने कोई सबूत नहीं दिए. भारत ने अभी इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं की है.

पाकिस्तान अक्सर यह आरोप लगाता रहा है कि भारत बलूचिस्तान में बगावत को हवा देता है, जिसके कारण कई छोटे-छोटे विद्रोही समूह सालों से हिंसक अभियान चला रहे हैं. ये संगठन बालोचिस्तान के लिए अधिक संसाधनों या पूर्ण आजादी जैसी मांगें करते हैं.

बलूचिस्तान के विद्रोहियों ने पाकिस्तान के उत्तर पश्चिम में कई बड़े हमलों को अंजामदिया है. उन्होंने ईरान और अफगानिस्तान की सीमा पर गैस पाइप लाइनों को भी निशाना बनाया है. बीएनए पर सैकड़ों लोगों की हत्या का आरोप है. उसने पाकिस्तान के अलग-अलग हिस्सों में हुए आतंकी हमलों और बम धमाकों की जिम्मेदारी ली है.

बनगुलजई की मीडिया से बातचीत टीवी चैनलों पर लाइव दिखाई गई जिसमें उन्होंने अन्य अलगाववादियों से हथियार डालने और अपने अधिकारों के लिए मुख्यधारा की राजनीति में शांतिपूर्ण आंदोलन करने की अपील की.

बनगुलजई ने कहा, "सरकार हमारी दुश्मन नहीं है और हम विदेशी जासूसी एजेंसियों द्वारा गुमराह हैं.”

सरकार ने किया स्वागत

बड़े नेता और इतनी बड़ी तादाद में सदस्यों द्वारा हथियार डाले जाने को लेकर बीएनए ने आधिकारिक तौर पर इस घटनाक्रम पर कोई टिप्पणी नहीं की है. पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवर उल हक काकड़ ने बनगुलजई के इस कदम का स्वागत किया है. सोशल मीडिया साइट एक्स पर उन्होंने कहा, "शांति और स्थिरता हमारी प्राथमिकता है. सरफराज बनगुलजई उर्फ मुरी बालोच (बीएनए प्रमुख) का अपने साथियों और परिवारों के साथ समर्पण पाकिस्तान और बालोचिस्तान के लिए एक स्वागतयोग्य कदम है.”

काकड़ ने कहा कि यह रणनीतिक कदम स्थायी शांति, आपसी समझ के निर्माण और समुदाय को फिर से खड़ा करने की कोशिश है. उन्होंने कहा, "हम मिलकर अगली पीढ़ियों के लिए सद्भावनापूर्ण और सुरक्षित भविष्य का रास्ता तैयार कर रहे हैं. मैं अपने सुरक्षा बलों और जासूसी एजेसियों, खासकर आईएसआई की भी तारीफ करना चाहूंगा, जिन्होंने इस जटिल खुफिया ऑपरेशन की योजना बनाई और उसे अंजाम दिया.”

वीके/एए (रॉयटर्स, एपी, एएफपी)