Assad Regime Collapse in Syria: 'सीरिया में नए युग की शुरुआत'....विद्रोहियों ने जीत के बाद जारी किया बयान, दशकों बाद असद शासन का अंत

सीरिया में जारी गृहयुद्ध ने पिछले कई वर्षों में लाखों लोगों की जान ली है और देश को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है. इस युद्ध में सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद के शासन का भी गहरा असर पड़ा है. 13 वर्षों से जारी इस संघर्ष में अब एक नई दिशा देखने को मिल रही है, क्योंकि असद शासन अब संकट के दौर से गुजर रहा है और इसके पतन की आहट सुनाई दे रही है. हाल ही में सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद ने दमिश्क छोड़ दिया, जब विद्रोही समूहों ने राजधानी में प्रवेश करने की घोषणा की. इसके साथ ही सीरियाई प्रधानमंत्री मोहम्मद गाजी अल-जलाली ने कहा कि उनकी सरकार सत्ता के हस्तांतरण के लिए तैयार है. इस लेख में हम इस घटनाक्रम पर विस्तृत चर्चा करेंगे और सीरिया की वर्तमान स्थिति को समझने का प्रयास करेंगे.

दमिश्क में खलबली और असद का पलायन

सीरिया के गृहयुद्ध की शुरुआत 2011 में एक शांतिपूर्ण विरोध आंदोलन के रूप में हुई थी, जो धीरे-धीरे एक बड़े युद्ध में बदल गया. इस संघर्ष में असद शासन के खिलाफ विद्रोही गुटों ने संघर्ष किया. अब, जब विद्रोही समूहों ने दमिश्क की ओर बढ़ने की घोषणा की, तो पूरे शहर में हड़कंप मच गया. खबरें आईं कि सीरिया की सेना और सुरक्षा बलों ने दमिश्क अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को छोड़ दिया था, और हिज्बुल्लाह के एक करीबी सूत्र ने बताया कि असद शासन के प्रमुख सहयोगियों ने भी अपनी सेनाएं राजधानी से हटा ली हैं.

विद्रोही संगठन हयात तहरीर अल-शाम ने कहा कि वे अब दमिश्क में प्रवेश कर चुके हैं और उन्होंने "सेदनया जेल में अत्याचारों के युग का अंत" घोषित किया, जो असद शासन के तहत किए गए अंधेरे अत्याचारों का प्रतीक बन चुका था. इस जेल में होने वाली क्रूरता ने पूरे विश्व का ध्यान आकर्षित किया था और अब विद्रोहियों के हाथों इसकी गिरफ़्तारी ने असद शासन के खिलाफ संघर्ष को और तेज कर दिया है.

हिज्बुल्लाह का पलायन और विदेशी मदद 

सीरिया में हिज्बुल्लाह, जो असद शासन का प्रमुख सहयोगी रहा है, ने भी अपनी सेनाओं को हटा लिया है. हिज्बुल्लाह के एक स्रोत ने बताया कि हाल ही में संगठन ने अपनी सेनाओं को होम्स क्षेत्र से हटा लिया, और कुछ को सीरिया के लताकिया और लेबनान के हर्मेल क्षेत्र में भेज दिया. यह असद शासन के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि हिज्बुल्लाह की सेनाओं ने हमेशा उनके खिलाफ विद्रोहियों को दबाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

वहीं, इराक से भी खबरें आईं कि कई सीरियाई सैनिकों ने मोर्चे से भागकर इराक में शरण ली है. एक सुरक्षा स्रोत के मुताबिक, इराक ने 2,000 सैनिकों को प्रवेश करने की अनुमति दी है, जिनमें अधिकारी भी शामिल हैं. इस पलायन ने सीरियाई शासन की कमजोरी को उजागर किया है, और यह संकेत है कि असद सरकार अब अपनी सैन्य स्थिति से हाथ धोने के कगार पर है.

वैश्विक प्रतिक्रिया और भविष्य की दिशा 

सीरिया की स्थिति पर वैश्विक प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति-चुनाव डोनाल्ड ट्रम्प ने इस संकट में अमेरिकी हस्तक्षेप की निंदा करते हुए कहा कि अमेरिका को इस स्थिति में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. वहीं, रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने सीरिया की स्थिति को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी और कहा कि यह "अस्वीकार्य" है कि एक "आतंकी समूह" सीरिया की जमीन पर कब्जा करे. रूस और ईरान ने हमेशा असद शासन का समर्थन किया है और दोनों देशों ने युद्ध के दौरान असद सरकार को सहायता प्रदान की थी.

वहीं, तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोआन ने कहा कि अब सीरिया "युद्ध, खून और आंसू से थक चुका है". यह बयान इस बात का संकेत है कि तुर्की, जो उत्तरी सीरिया में कुछ सशस्त्र समूहों का समर्थन करता है, अब सीरिया में संघर्ष के अंत की दिशा में कदम बढ़ा रहा है.

हयात तहरीर अल-शाम और असद शासन 

हयात तहरीर अल-शाम, जो पहले अल-नुसरा फ्रंट के नाम से जानी जाती थी, ने 2012 में इस्लामिक स्टेट और अल-कायदा के साथ अपने रिश्ते तोड़ दिए थे. हालांकि, यह संगठन अभी भी अल-कायदा के सहयोगी के रूप में देखा जाता है. इस संगठन ने सीरिया के इदलिब और अलेप्पो क्षेत्रों में अपनी शक्ति स्थापित की है और सीरिया में शरणार्थियों के लिए राहत कार्यों की शुरुआत की है. हालांकि, इसका इतिहास आतंकवाद और असद विरोधी अभियानों से जुड़ा हुआ है, लेकिन हाल के समय में इसने अपनी छवि को नरम करने का प्रयास किया है और यह सुनिश्चित किया है कि इसके नियंत्रण वाले क्षेत्रों में अल्पसंख्यक समुदायों को कोई खतरा नहीं होगा.

असद शासन का अंत और सीरिया का भविष्य 

सीरिया में अब एक नया अध्याय शुरू हो सकता है. असद शासन के पतन का मतलब केवल एक शासक का अंत नहीं है, बल्कि यह पूरे देश की राजनीति और समाज पर गहरे असर डाल सकता है. 13 सालों से चली आ रही यह रक्तरंजित संघर्ष अब अपने अंतिम चरण में पहुंच सकता है, लेकिन इसके परिणाम पूरी दुनिया पर असर डालेंगे. सीरिया का भविष्य अब कई सवालों के घेरे में है, जिसमें विदेशी ताकतों की भूमिका, असद के बाद सत्ता का वितरण, और सीरिया के भविष्य की राजनीतिक व्यवस्था शामिल हैं.

सीरिया में युद्ध की समाप्ति, शांति की बहाली और पुनर्निर्माण की दिशा में जो भी कदम उठाए जाएंगे, वह सभी के लिए चुनौतीपूर्ण होंगे. फिलहाल, यह कहना कठिन है कि सीरिया किस दिशा में जाएगा, लेकिन यह तो साफ है कि असद शासन के पतन के बाद सीरिया एक नए युग में प्रवेश करने वाला है.