बांग्लादेश में 11 लोगों पर Covid-19 को लेकर अफवाहें फैलाने का आरोप, 2 गिरफ्तार

बांग्लादेश में पुलिस ने 11 लोगों पर सोशल मीडिया पर कोरोनोवायरस महामारी के बारे में अफवाह फैलाने का आरोप लगाया है और दो अन्य लोगों को इसी के चलते गिरफ्तार किया है. साइबर अपराध न्यायाधिकरण आरोपों में पर्याप्त सबूतों की कमी के लिए अब तक 200 से अधिक मामलों को खारिज कर चुकी है.

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बांग्लादेश में 11 लोगों पर Covid-19 को लेकर अफवाहें फैलाने का आरोप, 2 गिरफ्तार

बांग्लादेश में पुलिस ने 11 लोगों पर सोशल मीडिया पर कोरोनोवायरस महामारी के बारे में अफवाह फैलाने का आरोप लगाया है और दो अन्य लोगों को इसी के चलते गिरफ्तार किया है. साइबर अपराध न्यायाधिकरण आरोपों में पर्याप्त सबूतों की कमी के लिए अब तक 200 से अधिक मामलों को खारिज कर चुकी है.

विदेश IANS|
बांग्लादेश में 11 लोगों पर Covid-19 को लेकर अफवाहें फैलाने का आरोप, 2 गिरफ्तार
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: PIXABAY)

बांग्लादेश (Bangladesh) में पुलिस ने 11 लोगों पर सोशल मीडिया पर कोरोनोवायरस (Coronavirus) महामारी के बारे में अफवाह फैलाने का आरोप लगाया है और दो अन्य लोगों को इसी के चलते गिरफ्तार किया है. एफे न्यूज के मुताबिक विवादास्पद डिजिटल सुरक्षा अधिनियम के तहत इन लोगों पर भय का माहौल बनाने का आरोप लगा है. बांग्लादेश में अब तक 11,719 लोगों में संक्रमण पाया गया है और अब तक 187 लोग इस वायरस से मरे हैं.

ढाका के रमना पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी मोनिरुल इस्लाम ने एफे न्यूज को बताया, "वे हमारे राष्ट्रपिता, मुक्ति संग्राम और कोरोनावायरस महामारी पर अफवाहें फैलाने के लिए फेसबुक पर पोस्ट कर रहे थे. वे देश और सरकार की छवि को नुकसान पहुंचा रहे थे और महामारी को लेकर लोगों में भ्रम पैदा कर रहे थे."

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इस्लाम ने कहा कि सुरक्षा बल ने कार्टूनिस्ट अहमद कबीर किशोर और लेखक मुस्ताक अहमद को मंगलवार को गिरफ्तार किया. किशोर ने अपने फेसबुक अकाउंट 'अमी किशोर' में अपना परिचय एक राजनीतिक कार्टूनिस्ट के रूप में दिया और मुश्ताक लेखक बनने के पहले मगरमच्छ फार्म चलाने वाले के रूप में मशहूर था.

पुलिस ने कहा कि इन दोनों लोगों के सरकार के खिलाफ अभियान चलाने वाले अन्य आरोपियों से भी संबंध हैं, जिनमें स्वीडन स्थित बांग्लादेशी पत्रकार तसनीम खलील और जर्मनी के ब्लॉगर आसिफ मोहिउद्दीन शामिल हैं.

बांग्लादेश ने सितंबर 2018 में विवादास्पद डिजिटल सुरक्षा अधिनियम को मंजूरी दी थी जो बांग्लादेश के मुक्ति युद्ध या प्रधानमंत्री शेख हसीना के पिता स्वर्गीय राष्ट्रपति शेख मुजीबुर रहमान के खिलाफ "नकारात्मक प्रचार" को दंडित करता है.

पत्रकारों और संपादकों ने कानून की आलोचना करते हुए दावा किया है कि इससे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगेगा. साइबर अपराध न्यायाधिकरण आरोपों में पर्याप्त सबूतों की कमी के लिए अब तक 200 से अधिक मामलों को खारिज कर चुकी है.

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