नई दिल्ली: अमेरिकी रिटेल चेन वॉलमार्ट ने भारत की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट का 70 प्रतिशत हिस्सा खरीदने का ऐलान करेगा. इसके लिए वॉलमार्ट के सीईओ डग मैकमिलन बेंगलुरु पहुंच चुके हैं. यह भारत में विलय और अधिग्रहण के बड़े समझौतों में एक होगा, जिसमें फ्लिपकार्ट का मूल्यांकन 20 अरब डॉलर (करीब 13 खरब रुपये) किया गया है.
बता दे कि विशेषज्ञों के मुताबिक, दोनों को सौदे से मिले पैसों का 20 फीसद कैपिटल गेन टैक्स के रूप में देना पड़ सकता है. फ्लिपकार्ट बड़ी हिस्सेदारी अमेरिकी कंपनी वालमार्ट को बेचने की तैयारी में है.
प्रस्तावित डील के मुताबिक, फ्लिपकार्ट के सह-संस्थापक बिनी बंसल नए चेयरमैन और ग्रुप CEO हो सकते हैं. यह जानकारी दूसरे सूत्र ने दी है. फिलहाल फ्लिपकार्ट के सीईओ कल्याण कृष्णमूर्ति हैं और वह इसी भूमिका में बने रहेंगे.
दूसरी तरफ कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने अपने बयान में कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) की स्पष्ट नीति होने के बावजूद विदेशी कंपनियां बचने के रास्ते तलाश लेती हैं। सरकार को ई-कॉमर्स सेक्टर के लिए नियामक संस्था बनानी चाहिए। जब तक ऐसी संस्था नहीं बन जाती, इस तरह के सौदों को अनुमति नहीं मिलनी चाहिए.
संगठन ने आगे यह भी आरोप लगाया कि भारत में रिटेल कारोबार में कदम रखने में असफल रहने के बाद वालमार्ट ने ई-कॉमर्स का रास्ता चुना है. यह कारोबारी समुदाय के लिए बहुत घातक होगा.